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भाकपा नेता मनीष कुंजम ने सुकमा पुलिस पर आदिवासियों को पीटने का आरोप लगाया एएनएन | सुकमा : पुलिस पर भाकपा नेता का आरोप

छत्तीसगढ़ समाचार: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के प्रभावित क्षेत्र में खुल रहे हैं नए पुलिस कैंप को लेकर बस्तर पुलिस दावे में लापरवाही आ रही है। पुलिस पर इन नए कैंपों को खोलने के दौरान स्थानीय तर्कों से बुरी तरह से हार का आरोप लग रहा है। सुकमा जिले से भी प्रभावित क्षेत्र कुदेड़ गांव में कैंप लगाने के दौरान पुलिस पर स्थानीय दावों से प्रभावित होने का आरोप आरोपी महेब के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भाकपा नेता मनीष कुंजाम ने लगाया है। मनीष कुंजाम का कहना है कि पुलिस के फैसले ने स्थानीय दावों की लाठी और डंडों से भारी पिटाई की है।

बताया जा रहा है कि जाति ने महिलाओं और युवाओं को भी बख्शा नहीं है और उन्हें भी गलत तरीके से टेलीफोन है। भाकपा नेता ने कहा कि इसकी जानकारी मिलने के बाद वह खुद कुदेड़ गांव जाना चाहते थे, लेकिन मंगलवार को पुलिस ने उन्हें दोरनापाल में ही रोक दिया और आगे जाने की अनुमति नहीं दी। मनीष कुंजाम ने बस्तर पुलिस पर आरोप लगाया कि कैंप लगाने के नाम पर पुलिस दावों के साथ हरबरीता कर रही है और इसकी सच्चाई सामने ना आ सके इसके लिए उन्हें और उनकी टीम को जाने नहीं दे रही है।

रैंडम पर आघात का आरोप
सी अपमानित नेता मनीष कुंजाम ने पुलिस पर आरोप लगाया कि आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र विशेष बस्तर में पांचवी शेड्यूल और पेशा कानून लागू है और इसके तहत कार्यक्षेत्र में स्थानीय प्रावधानों को अधिकार प्राप्त है। बिना ग्राम सभा और सहमति की सहमति के पुलिस कैंप में संविधान खोलने का अधिकार का उल्लंघन किया गया है। कुदेड़ के ग्रामीण कानून में दिए गए अधिकारों की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। मनीष कुंजाम ने कहा कि ग्रामीण कहीं से भी गलत नहीं हैं। उन्हें जो संविधान के अधिकार दिए गए हैं वे उसकी मांग कर रहे हैं। इसके बावजूद पुलिस के अधिकारियों और मुहरों ने शिविर का विरोध करने पर स्थानीय दावों को बुरी तरह से और दौड़ा-दौड़ा कर लाठी-डंडे से पकड़ लिया है। जिससे कई ग्रामीण घायल भी हो गए हैं और चाहकर भी उन्हें कोई मदद नहीं मिल पा रही है।

कठोर है
सीसाइड नेता मनीष कुंजाम ने बताया कि उन्हें इस घटना की जानकारी मिली थी, जैसे ही वे मंगलवार को खुदेड़ गांव के लिए रवाना हुए थे, लेकिन दोरानापाल में ही पुलिस के आला अधिकारियों ने उन्हें रोक लिया था। पुलिस नहीं चाहती कि वहां पर वे अपनी टीम के साथ जाएं क्योंकि जिस तरह से पुलिस ने उसे प्रभावित किया है उसका सच सामने आ जाएगा। मंगलवार दोपहर 3 बजे तक उन्हें दोरेनापाल थाने में बैठा दिया गया और उन्हें नहीं दिया गया। मनीष कुंजाम ने बताया कि उन्हें सही से जानकारी मिली है कि पुलिस के साथ प्रमाण की झड़प हुई है और मौसम ने स्थिति को खराब तरह का माइकर है। इसलिए वहां बहुत ही खतरनाक है।

उल्लंघन होने पर संविधान की चेतावनी दी जाती है
वास्तव में, प्रभावित बस्तर में कई सामान्य क्षेत्रों में ग्रामीण नए पुलिस कैंप का विरोध कर रहे हैं। राइट्स का कहना है कि युवा सुरक्षा के नाम पर पुलिस कैंपों से परेशान होते हैं। आरोपी अपराधी बयान को जेल भेज दिया जाता है और इसका विरोध करने पर पुलिस के दावे की बुरी तरह से पिटाई की जाती है। विजेट ने कहा कि बिना ग्राम सभा की अनुमति के कैंप कर रहे हैं। सरकार पहले गांव में स्कूल, अस्पताल और अन्य बुनियादी सुविधाओं के लिए उन्हें पुलिस थाना और कैंप की जरूरत नहीं है।

पुलिस ने कहा कि सुरक्षा कारणों से रोक दिया गया
इस मामले में दोरानापाल के अधिकारी पुलिस निशांत पाठक का कहना है कि सुरक्षा कारणों से पूर्व विधायक मनीष कुंजाम को कुदेड़ गांव जाने से रोक दिया गया है, क्योंकि मनीष कुंजाम जनप्रतिनिधि है और उन्हें जान का खतरा है। इसलिए उन्होंने राज्य सरकार से सुरक्षा की मांग भी की थी। जाग्रुंडा जाने का रास्ता अत्यधिक संवेदनशील है और बिना सुरक्षा कर्मियों को सुरक्षित नहीं रखा जाना चाहिए। इसलिए उन्हें रोक लिया गया।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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