पिछले कुछ दिनों से कोरोना के मामले में तेजी से उछाल देखा जा रहा है। भारत में COVID-19 के 10,158 एक्टिविटी केस सामने आ चुके हैं। इन मामलों में ज्यादातर मरीज तेज सिर दर्द की शिकायत कर रहे हैं। वैज्ञानिक ओमिक्राएन के इस सब वैरिएंट को और भी ज्यादा खतरनाक मान रहे हैं, जिसके सामने पेनकिलर भी साबित नहीं हो रहे हैं। इसलिए जरूरी है कि आप COVID-19 वायरस के कारणों और बचाव के उपाय (कोरोना मामलों के लिए कारण और सावधानियां) के बारे में जानें।
प्राइमस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के एचओडी (पामोनरी) डॉ. एस के सबसे बड़ी चेतावनी दे रहे हैं कि थोड़ी-सी भी असावधानी से कोरोना के मामले वापस आ रहे हैं। कोरोना के मामले में तेजी की एक वजह कोरोना का वैरिएंट भी हो सकता है। हमें विशेष रूप से घोषणा करनी होगी।
जानिए कोरोना वायरस के ताजा आंकड़े (Covid 19 Status)
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) के मुताबिक, भारत में 3% की डेली फ़ोर्सिटी रेट के साथ कोविड मामलों में बदलाव दर्ज किया जा रहा है। आईएमए ने आशंकित होकर कहा है कि यह वृद्धि COVID-19 दिशा-निर्देशों के निर्देशों के पालन में कोताहिरा, कम सामने आने वाले और एक नए कोविड-19 वैरिएंट के कारण हो सकते हैं। भारत ने पिछले 24 घंटों में कुल 10,158 नए कोविड मामले दर्ज किए हैं। COVID मामलों में मौजूदा वृद्धि एक्स बी बी (XBB.1.16) भिन्न के कारण हो रही है, जो ओमिक्रॉन का एक सब भिन्न है।
क्या है इसकी इतनी तेजी से छाने का कारण (Corona Cases का कारण)
डॉ. एस सबसे बड़ा, इस परिवर्तन में कोविड-19 (कोविड-19) वायरस की प्रकृति को काफी हद तक डेल्टा वैरिएंट के इमर्जेंस और व्यापक विस्तार के लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है। शीघ्रता से होता है। यह वायरस अस्पताल में बहुत अधिक भर्ती घुसपैठिए से भी हो रहा है। वायरस म्यूटेट करना जारी रखता है। इससे नया संस्करण भी सामने आ सकता है, जो कोविड पेंडिक को और अधिक जटिल बना सकते हैं।
वैक्सीनेशन के साथ-साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य का पालन करना और वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए तेजी से परीक्षण ही एकमात्र उपाय है।
जरूरी है सावधानी (सावधानियां)
डॉ. एस के सबसे बड़े कहते हैं, ‘दिल्ली में फोबिया रेट बहुत अधिक है, लेकिन घबराहट की कोई जरूरत नहीं है।’ COVID-19 संक्रमणों की बढ़ती संख्या एक अनुस्मारक है। निश्चित रूप से इस रणनीति से बातचीत के प्रयासों में आपस में कोई संबंध नहीं होना चाहिए, कुछ निश्चितता आवश्यक है। इसके लिए मुख्य रूप से ओमिक्रॉन वैरिएंट के XBB.1.16 सभी वैरिएंट जिम्मेदार हैं, जो इम्युनिटी से बचने में सक्षम हैं।
सिर्फ वैक्सीन लगवाना काफी नहीं
कहने का मतलब है कि वैक्सीन के कारण व्यक्ति के शरीर के अंदर जो प्रतिरक्षा विकसित हुई है, वह अभेद्य दीवार में भी सेंध लगा सकती है यह भिन्न है। इसके कारण व्यक्ति में तेज सिर दर्द (पेन किलर का दर्द पर कम प्रभाव), चक्कर आना, जी मिचलाना, कमजोरी लगना दिल की धड़कन अधिक होना जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं। हालांकि वैक्सीनेशन और सब्सक्राइब डोज (वैक्सीनेशन के बाद बने एंटीबॉडी) की वजह से मरीज ठीक भी हो रहे हैं।
प्रत्येक नए मामले के साथ, एक व्यक्ति, एक परिवार या एक समुदाय प्रभावित होता है। इसलिए यह हमारा कर्तव्य बनता है कि हम सार्वजनिक स्वास्थ्य का पालन करें। टीका लगवाएं और सामाजिक दूरी (Social Distancing) का पालन करें। चश्मा जारी रखना ही वायरस के प्रसार को धीमा कर सकते हैं।
होम आइसोलेशन में भी मरीज को अकेला न छोड़ें
डॉ. छाबड़ा कहते हैं, ‘जिन लोगों की जांच में कोविड-19 का पता चला है और उन्हें होम आइसोलेशन में रहने को कहा गया है।’ परिवार के सदस्यों को उन पर विशेष नजर रखनी चाहिए। ऐसा नहीं करने पर उनकी विकृत और खराब हो सकती है और वे गंभीर रूप से भी बीमार हो सकते हैं।”
“कोविड-19 वाले कई लोग जटिलताओं के बिना ठीक हो जाते हैं। वहीं दूसरी ओर, कुछ लोगों में गंभीर बीमारियाँ विकसित हो जाती हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती या सूक्ष्म देखभाल की आवश्यकता होती है। इसलिए होम आइसोलेशन में रहने वाले लोगों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि उनके लक्षणों की गुप्त रूप से निगरानी करते रहें।
यदि उनकी स्थिति बिगड़ती है, तो चिकित्सा पर ध्यान दें। बिगड़ने से बचने के लिए स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता दूर से भी निगरानी और देखभाल कर सकते हैं। इनके लिए भी टीकाकरण, मास्क पहनना और अन्य सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय अपनाना जरूरी है।”
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