पत्र में सभी राज्यों से यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है कि जहां तक संभव हो सभी दावों के मामलों के नमूने दैनिक आधार पर निर्दिष्ट INSACOG उनके सीक्वेंसिंग प्राप्तांक (IGSLs) को भेजे जाएं, जो राज्य और केंद्र अधिकार प्रदेशों के लिए प्राप्त किए गए हैं ।
चीन में कोरोना वायरस से अभी भी कोहराम मच गया है। चीन के अलावा जापान, अमेरिका, फिल्टर और कोरिया में भी मामलों में अचानक खामियां सामने आ रही हैं। यही कारण है कि भारत में भी इसे लेकर बढ़ा दिया गया है। सरकार की ओर से सभी राज्यों को पत्र भी लिखा गया है। इस पत्र में लिखा गया है कि जापान, अमेरिका, कोरिया, ब्राजील और चीन में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए देश में भी कोरोना के संभावित मामलों की जिनोम सीक्वेंसिंग की जानी चाहिए। इससे वायरस के बारे में नई आशंकाओं की जानकारी मिल जाएगी। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की ओर से सभी राज्यों और केंद्र राज्यों को पत्र भेजा गया है।
पत्र में सभी राज्यों से यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है कि जहां तक संभव हो सभी दावों के मामलों के नमूने दैनिक आधार पर निर्दिष्ट INSACOG उनके सीक्वेंसिंग प्राप्तांक (IGSLs) को भेजे जाएं, जो राज्य और केंद्र अधिकार प्रदेशों के लिए प्राप्त किए गए हैं । इसके अलावा, केंद्र ने राज्य ऋण से हर संभव सहायता की गारंटी भी दी है। वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य भारती प्रवीण पारा ने मंगलवार को राज्यसभा को बताया कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने 18 साल की उससे और अधिक उम्र के लोगों के लिए इस साल पांच सितंबर को रिकोम्बिनेंट नेजल (नाक से लेने वाले) कोविड-19 19टीके को मौंत दी गई थी।
जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, कोरिया, ब्राजील और चीन में मामलों में अचानक तेजी को देखते हुए, भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) नेटवर्क के माध्यम से वेरिएंट को ट्रैक करने के लिए पॉजिटिव केस सैंपल के पूरे जीनोम अनुक्रमण को तैयार करना आवश्यक है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव pic.twitter.com/k7rxW6Qoin
– एएनआई (@ANI) 20 दिसंबर, 2022
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