प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन जनवरी को कांग्रेस में हिस्सा लिया है। इस दौरान उन्होंने विज्ञान की अहमियत को बताया है। महिलाओं की भागीदारी और युवाओं के साथी को लेकर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चर्चा की है। भारतीय कांग्रेस की पकड़ पांच दिनों तक जारी रहेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय विज्ञान कांग्रेस को संदेश देते हुए कहा कि आज का भारत जिस वैज्ञानिक अप्रोच के साथ आगे बढ़ रहा है, हम उसके परिणाम भी देख रहे हैं। विज्ञान के क्षेत्र में भारत तेजी से दुनिया के शीर्ष देशों में शामिल हो रहा है। भारत के वैज्ञानिकों में शीर्ष तीन देश शामिल हैं। वर्ष 2015 तक हम 130 देशों के ग्लोबल इनोवेशन पर भारत का स्थान 81वां रहा है। भारत वर्ष 2022 में इस सूची में 40वें स्थान पर है।
उन्होंने कहा कि देश में महिलाएं हर क्षेत्र में अपना दम दिखा रही हैं। हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी मिलती है। विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी भी मिलती है। महिलाओं की बढ़ती भागीदारी समाज और विज्ञान की प्रगति का प्रतिबिंब है। पिछले 8 वर्षों में अतिरिक्त नैतिक दृष्टिकोण और झांकी में महिलाओं की भागीदारी हुई है। महिलाओं की ये बढ़ती भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि समाज भी आगे बढ़ रहा है और विज्ञान भी आगे बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि खेल में भारत नई उचाईंयों को छू रहा है। हाईड्रोजन योजना पर भी काफी अहमियत रखने की रेलें हैं। उन्होंने कहा कि विकास के लिए प्रकृति की खोज जरूरी है। बता दें कि भारतीय विज्ञान कांग्रेस का खुलासा पांच दिनों तक जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि भारत में रिसर्च को दी जाने वाली ट्रेन को बढ़ावा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि विकास के लिए खोजी प्रवृत्ति जरूरी है। पीएम मोदी ने स्टार्ट अप को लेकर इसका जिक्र भी किया है। उन्होंने बताया कि भारत में अब काफी बड़ी संख्या में प्रदर्शन किया गया है। स्टार्ट अप को लेकर शीर्ष तीन देशों में भारत का भी नाम शामिल है। उन्होंने कहा कि अगले 25 वर्षों में भारत का विस्तार होगा, जिसमें भारत की वैज्ञानिक शक्ति की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी। विज्ञान में पैशन के साथ जब देश की सेवा का संकल्प जुड़ता है तो नतीजे भी गैर-विभेदी आते हैं। विज्ञान के प्रयासों की महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ तभी बदल सकती हैं जब वे ‘प्रयोगशाला से ज़मीन’ तक पहुँचें और जब उनका प्रभाव ‘वैश्विक स्तर से ज़मीनी स्तर’ तक पहुँचे। उन्होंने कहा कि विज्ञान के प्रयास, बड़ी उपलब्धियां तभी बदल सकती हैं, जब वो लैब से निकलकर जमीन तक पहुंच जाएं। जब उसका प्रभाव ग्लोबल से लोग ग्रासरूट हो जाते हैं, जब उसके विस्तार जर्नल से लेकर जमीन तक उतर जाते हैं, जब उसका बदलाव देखने से वास्तविक जीवन में दिखने लगता है।
जी 20 का भी उल्लेख किया
उन्होंने कहा कि अभी भारत को जी-20 की अध्यक्षता की जिम्मेदारी मिली है। जी-20 के प्रमुख विषयों में भी वुमन लीड दृश्य एक बड़ी प्राथमिकता का विषय है। पिछले 8 सालों में भारत ने गवर्नेंस से लेकर समाज और इकोनॉमिक तक इस दिशा में कई ऐसे असाधारण काम किए हैं, जो आज चर्चा हो रही है। भारत की आवश्यकताओं की जांच के लिए, भारत में विज्ञान का विकास, हमारे वैज्ञानिक समुदाय की मूल प्रेरणा की घोषणा की जानी चाहिए। भारत में विज्ञान, भारत को आत्मनिर्भर बनाने वाली आने वाली है।