चीन और दुनिया में कोरोना की वापसी: साल 2019 में चीन के वुहान से निकले कोरोना वायरस ने पिछले तीन-चार सालों में पूरी दुनिया में मौत का भीषण तांडव मचाया है। अब पिछले कुछ महीनों से दुनिया भर में कोरोना के मामले लगभग नगण्य हो गए थे। मगर का खतरा एक बार फिर बढ़ गया है। चीन में कोरोना से प्रतिबंध हटने के बाद हालात बेकाबू हो गए। सतही सतह में गिरे हुए बिस्तर भर गए हैं। इलाज की व्यवस्था चरम पर गई है। इससे चीन में हाहाकार मच गया है। बिना इलाज के सड़क और गलियों में लोगों की मौत होने लगी है।
महामारी विज्ञानियों का अनुमान है कि ऐसा ही रहा तो चीन में अगले 90 दिनों में करोड़ों लोग दिखाई दे सकते हैं। हालांकि इस दौरान चीन में खड़े होने वाले लोगों का कटोरा चीन की 60 जुड़ाव आबादी से कम रहेगा, लेकिन दुनिया भर के करीब 10 प्रतिशत लोगों के सामने आने का खतरा है। इस बंधन से करीब 8 अरब लोग कोरोना के शिकार हो सकते हैं। वैज्ञानिकों की इस भविष्यवाणी को लेकर एक बार फिर कोरोना को पूरी दुनिया में खलबली मचा दी है। माना जा रहा है कि चीन एक बार फिर से पूरी दुनिया में फैले कोरोना की वजह बन सकता है। जबकि अभी दुनिया के लगभग सभी देशों में कोरोना और उसके कारण होने वाले संक्रमण वाले पूरी तरह से नियंत्रण में हैं। सभी देशों में कोरोना की वजह से कामकाज बंद हुआ सामान्य हो गया है। लॉकडाउन भी सभी देशों में हट चुका है। मगर ने एक बार फिर से बड़े खतरों को छुआ है।
मर सकते हैं कई लाख लोग
महामारी विज्ञानियों ने अनुमान लगाया है कि यदि मौजूदा संक्रमण की यही गति जारी हो रही है तो एक बार फिर दुनिया में कोरोना से होने वाली मौतों का तांडव देख सकते हैं। इस बार मरने से लाखों में मौत होगी, जिसके बारे में जानना भी मुश्किल होगा। वैज्ञानिकों की इस सिनिस्टर की भविष्यवाणी ने कोरोना से लगभग कार्यों के मामलों में भी तहलका मचा दिया है। महामारी मानदंड का कहना है कि अभी तो यह सिर्फ शुरुआत है। अगले 90 दिन दुनिया पर भार पड़ने वाले हैं। इस दौरान तथ्यों की गणना करना कठिन हो सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि विभिन्न देशों में एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय समझौतों पर रोक लगाई जा सकती है, जिसमें कई अन्य न्यायिक फैसले भी शामिल हैं।