छत्तीसगढ़

राशन घोटाला : आरंग में गरीबों को खिलाया जा रहा दूषित चावल, प्रशासन हरकत में

UNITED NEWS OF ASIA. आरंग |  गरीबों को सस्ता और पौष्टिक अनाज देने के उद्देश्य से संचालित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में घोर लापरवाही उजागर हुई है। आरंग क्षेत्र की कई शासकीय राशन दुकानों में लाभार्थियों को खाने के लायक भी नहीं रहने वाला चावल वितरित किया जा रहा है। इस चावल में न केवल कीड़े और कंकड़-पत्थर मिले हैं, बल्कि इसकी गुणवत्ता इतनी खराब है कि लोग इसे लेने के लिए भी मजबूर हैं।

शिकायतों के बाद प्रशासन जागा, 4 सदस्यीय जांच टीम गठित

मामले की लगातार शिकायतों के बाद प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए 4 सदस्यीय जांच टीम गठित की है, जिसे 3 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि बीते 1-2 महीनों से आरंग की 112 शासकीय राशन दुकानों में से कई दुकानों पर बेहद खराब चावल बांटा गया है।

नान केंद्र प्रभारी ने मानी गलती, कहा – “चावल बदला जाएगा”

नागरिक आपूर्ति निगम (नान) आरंग केंद्र प्रभारी भरत पुरी गोस्वामी ने खराब चावल बांटे जाने की बात स्वीकार की है। उन्होंने बताया कि यह चावल 2 साल पुराने धान से बना था, जिसे अब बदला जा रहा है। साथ ही उन्होंने यह भी माना कि चावल वितरित करते समय उसकी गुणवत्ता की जांच नहीं की गई, जो एक बड़ी लापरवाही है।

सबसे बड़ा सवाल – क्या अफसर और नेता खुद ऐसा चावल खाएंगे?

अब बड़ा सवाल यह है कि जिन अफसरों और नेताओं पर गरीबों को पोषक और गुणवत्तापूर्ण राशन देने की जिम्मेदारी है, क्या वे खुद और उनके परिवार इस चावल को खाने को तैयार होंगे? क्या गरीबों की सेहत से खिलवाड़ करने वाले अधिकारियों पर कोई ठोस कार्रवाई होगी या यह जांच भी सिर्फ ‘खानापूर्ति’ बनकर रह जाएगी?सरकार और प्रशासन को इस मुद्दे पर तत्काल कड़े कदम उठाने की जरूरत है ताकि गरीबों को उनका हक मिल सके और भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो। अब देखना होगा कि जांच का नतीजा क्या आता है और दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है!

 


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