छत्तीसगढ़रायपुर

Chhattisgarh की राजधानी रायपुर के जगन्नाथ मंदिर में रथ निर्माण शुरू : ओडिशा के 40 कारीगर और 12 चित्रकार करेंगे तैयार, 7 जुलाई को मनाया जाएगा रथयात्रा

UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर। रायपुर के गायत्री नगर स्थित जगन्नाथ मंदिर में रथयात्रा के लिए रथ बनाने का काम अक्षय तृतीया के शुभ दिन से शुरू हो गया है। दो महीनों में कारीगरों द्वारा रथ तैयार कर दिया जाएगा। मंदिर समिति के अध्यक्ष पुरंदर मिश्रा ने बताया कि मंदिर की सारी गतिविधियों, पूजा और अनुष्ठानों में जगन्नाथ पुरी के नियमों और परंपराओं का पालन किया जाता है।

मंदिर में हर साल महाप्रभु जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथ तैयार किए जाते हैं। पौराणिक परंपराओं के अनुसार, ओडिशा के जगन्नाथ पुरी में अक्षय तृतीया पर लकड़ी की पूजा कर रथ बनाने का काम शुरू होता है। इसी विधि-विधान के साथ जगन्नाथ मंदिर में शुक्रवार सुबह 10.20 बजे शुभ मुहूर्त में पूजा की गई।

  • 7 जुलाई को मनाया जाएगा रथयात्रा

6 जुलाई को नेत्र उत्सव की पूजा कर अगले दिन 7 जुलाई को धूमधाम के साथ रथयात्रा निकाली जाएगी। जगन्नाथ पुरी में रथ बनाने के लिए नयागढ़ ओडिशा के दसपल्ला के जंगलों से लकड़ियां लाई जाती हैं। राजधानी में भी इसी जंगल से लकड़ियां आ रही हैं। फासी (सरई), धौरा और साज (साजा) की लकड़ियों से रथ बनाया जाएगा।

  • जड़ी-बूटी से बनने वाले रंग से करेंगे रंगरोगन

मंदिर के अभिनव दालबहेरा ने बताया कि ओडिशा के 40 कारीगर दो महीनों तक लगातार काम कर इस रथ को तैयार करेंगे। रथ के रंग-रोगन के लिए भी ओडिशा से ही चित्रकार आएंगे। जड़ी-बूटी से बनने वाले रंग से रथ को रंगा जाएगा।

  • पीढ़ियों से रथ बना रहे कारीगर

पुरी में फूल तोड़ने से लेकर भोग बनाने, पूजा करने समेत महाप्रभु की सभी सेवाओं के लिए लोग नियोजित किए गए हैं। इन्हीं लोगों की आने वाली पीढ़ियां भी वही सेवा करती हैं। मंदिर के पुजारी पीतांबर दास ने बताया कि इसी तरह ही रथ बनाने वाले कारीगर भी पीढ़ियों से जगन्नाथ स्वामी का रथ बना रहे हैं।

इस मंदिर में भी रथ बनाने के लिए आ रहे कारीगर भी इन्हीं परिवारों के सदस्य हैं। रथ को बनाने में कील, लोहे या किसी भी धातु का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। रथ के तैयार होते तक कारीगर दिन में केवल एक बार सादा भोजन ग्रहण करेंगे।

Show More
Back to top button

You cannot copy content of this page