
UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर। छत्तीसगढ़ की 11 में से 10 लोकसभा सीट कांग्रेस हार गई। 2019 के मुकाबले पार्टी को एक सीट का नुकसान हुआ है। यह स्थिति तब है, जबकि इस बार के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने अपने कई दिग्गजों को मैदान में उतारा था। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व गृह मंत्री और पूर्व कैबिनेट मंत्री शामिल थे। इसके बावजूद कांग्रेस एक मात्र अपनी कोरबा सीट बचा पाई। 2019 की जीत वाली बस्तर सीट उसके हाथ से निकल गई।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को इस बार 11 में से 4 से 5 सीट जीतने की उम्मीद थी। इसी उम्मीद के साथ पार्टी ने राजनांदगांव से पाटन विधायक और पूर्व सीएम भूपेश बघेल को राजनांदगांव से मैदान में उतारा था। इतना ही नहीं पार्टी ने अपने विधायक देवेंद्र यादव (भिलाई) को बिलासपुर और कोंटा विधायक व पूर्व कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा को बस्तर संसदीय सीट से प्रत्याशी बनाया था। पूर्व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू को महासमुंद और पूर्व कैबिनेट मंत्री शिव कुमार डहरिया को जांजगीर से टिकट दिया था। इन सीटों पर पार्टी के पक्ष में प्रचार करने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा छत्तीसगढ़ आए थे, इसके बावजूद पार्टी इनमें से एक भी सीट नहीं जीत पाई।
पार्टी अब राष्ट्रीय स्तर पर देशभर की समीक्षा कर रही है। इसके लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई है। इसमें कमेटी में हरीश चौधरी भी शामिल हैं। इस कमेटी के एक-दो दिन में छत्तीसगढ़ आने की संभावना जताई जा रही है। पार्टी नेताओं के अनुसार कमेटी अध्यक्ष 29 जून को यहां आ सकते हैं। कमेटी राज्य के पांचों संभागों के आला नेताओं से मिलकर हार की समीक्षा करेगी।
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