
UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर । प्रदेश में लगातार हो रही अघोषित बिजली कटौती को लेकर कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि सरप्लस बिजली वाले छत्तीसगढ़ में भाजपा के 20 महीने के कुशासन में ही 8-8 घंटे तक बिजली कटौती की नौबत आ गई है।
उन्होंने कहा कि खंडवर्षा के चलते मैदानी क्षेत्रों के खेतों में दरारें पड़ रही हैं, किसान पंप से सिंचाई भी नहीं कर पा रहे हैं। कई जिलों में किसान बांध से पानी छोड़े जाने की मांग को लेकर लगातार आंदोलित हैं। खरीफ की फसल बर्बाद होने की कगार पर है, लेकिन सरकार अब तक मौन है।
सुरेंद्र वर्मा ने मांग की कि नहरों से तत्काल पानी छोड़ा जाए, अन्यथा कांग्रेस बिजली संकट और किसानों की समस्याओं को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन करेगी।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा सरकार की प्राथमिकताओं में जनता की सुविधा शामिल ही नहीं है। स्कूलों में तिमाही परीक्षा का समय है, लेकिन बिजली कटौती से लाइट और पंखे बंद रहने के कारण अध्ययन-अध्यापन प्रभावित हो रहा है। नेता, मंत्री और अफसर अपने लिए तो सरकारी संसाधनों से इनवर्टर-जनरेटर की व्यवस्था कर चुके हैं, लेकिन गरीब, मध्यमवर्ग और आम जनता की सुध लेने का समय सरकार के पास नहीं है।
उन्होंने कहा कि ऊर्जा कोर सेक्टर का हिस्सा है, जिसका सीधा संबंध उत्पादकता से है। यह विभाग मुख्यमंत्री के पास होने के बावजूद अकर्मण्यता के चलते बिजली कटौती हो रही है। औद्योगिक उत्पादन लगातार घट रहा है, लेकिन सरकार बेखबर है।
वर्मा ने कहा कि विकास के नाम पर इस सरकार ने सिर्फ बिजली दरें बढ़ाने और सब्सिडी में कटौती करने का काम किया है। बिना मांग के जबरिया स्मार्ट मीटर लगाकर उपभोक्ताओं पर भारी-भरकम बिल थोपे जा रहे हैं। उन्होंने याद दिलाया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में ‘बिजली हाफ योजना’ के तहत 400 यूनिट तक आधा बिल आता था, जबकि अब भाजपा राज में बिजली केवल आधे समय आती है और दाम दोगुने हो गए हैं।
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