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16 विपक्षी दलों के विरोध मार्च से दूर रही कांग्रेस, ईडी कार्यालय तक पहुंच नहीं सकती विपक्षी नेता

हम आपको बताते हैं कि राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कई विरोधी नेता जब ईडी मुख्यालय के लिए संसद भवन से निकले तो पुलिस ने विजय चौक पर उन्हें रोक लिया। पुलिस ने विजय के निकट संबंधी दस्तावेज रखे थे।

कांग्रेस सहित 16 विपक्षी दलों के नेताओं ने अडाणी समूह के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच की मांग करते हुए बुधवार को संसद भवन से प्रवर्तन निदेशालय के मुख्यालय की ओर मार्च निकाला। हालांकि पुलिस ने उन्हें विजय चौक पर ही रोक लिया। बाद में प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक एसके मिश्रा को ईमेल किए गए पत्र में विरोधी नेताओं ने कहा कि यह संस्था आपके अधिकार क्षेत्र का त्याग नहीं कर सकती है और उन्हें अडाणी मामले की जांच करनी चाहिए।

हम आपको बताते हैं कि राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कई विरोधी नेता जब ईडी मुख्यालय के लिए संसद भवन से निकले तो पुलिस ने विजय चौक पर उन्हें रोक लिया। पुलिस ने विजय के निकट संबंधी दस्तावेज रखे थे। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा, ”हम अडाणी समूह के घोटाले के मामले में स्थिति देने के लिए ईडी निदेशक से मिलने जा रहे थे, लेकिन सरकार ने हमें रोक लिया और विजय चौक तक भी नहीं जाने दिया। उन्होंने दावा किया, ”लाखों करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। एलआईसी, स्टेट बैंक और अन्य कई बैंक बर्बाद हो गए हैं। लोगों के सुरक्षित में रखकर एक व्यक्ति को दिए गए पैसे। एक व्यक्ति अचानक से इतना अमीर हो गया। आज इस व्यक्ति की संपत्ति 13 लाख करोड़ रुपये को पार कर गई है।” उन्होंने कहा, ”इसकी जांच को जाना चाहिए कि अडाणी और मोदी जी का रिश्ता क्या है।”

राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने भी आरोप लगाया कि यह तानाशाही सरकार है और यह निर्णय की आवाज को दबाना चाहते हैं। वहीं कांग्रेस सांसद प्रतापगढ़ी ने कहा कि सरकार को जेपीसी की मांग मननी ही होगी। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि अडाणी घोटाले के मामले में सरकार को जवाब देना ही होगा। उन्होंने कहा कि चुप नहीं बैठेगा।

दूसरी ओर, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ईडी निदेशक को मेल किया पत्र शेयर करते हुए ट्वीट किया, ”ईडी को अडाणी घोटाले की जांच की मांग की शिकायत पत्र प्रस्तुत करने जा रहे हैं 16 विपक्षी पार्टियों के नेता और सांसद को आज दोपहर ईडी के कार्यालय तक जाने से रोक दिया गया। यह वह पत्र है, जिसे ईडी को ईमेल किया गया है।” हम आपको बताते हैं कि कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने अडाणी समूह के खिलाफ तीन फर्जी दस्तावेजों में इस पत्र में ‘शेल’ प्राधिकरण और धनशोधन सहित कई आरोप लगाए हैं। विरोधी नेताओं ने कहा कि ईडी अपने अधिकार क्षेत्र का त्याग नहीं कर सकता। उन्होंने ईडी से अडाणी समूह के खिलाफ झूठ की जांच करने का आग्रह किया।

कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड), बीजेपी (यूबीटी), राष्ट्रीय जनता दल, झारखंड मुक्ति मोर्चा, आम आदमी पार्टी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, और कई अन्य पार्टियों के नेताओं ने इस पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। हम आपको बताते हैं कि कांग्रेस विरोधी पार्टियों का इस मार्च का हिस्सा नहीं था। उनके सांसदों ने घरेलू रसोई गैस (जिलजी) के दस्तावेजों को लेकर संसद भवन परिसर में, महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने अलग से प्रदर्शन किया।

उल्लेखनीय है कि अमेरिकी वित्तीय शोध संस्थान ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की रिपोर्ट आने के बाद से ही अडाणी समूह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार हमलावर विपक्षी दलों के सदस्यों की मांग है कि इस मुद्दे की जांच के लिए संयुक्त समिति (जेपीसी) का गठन किया जाओ। हम आपको याद दिलाते हैं कि ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ ने अडाणी समूह के खिलाफ फर्जी तरीके से लेन-देन और शेयर की आज्ञा देने में उसके सहित कई आरोप लगाए थे। हालांकि अडाणी समूह ने ये झूठा झूठा दावा करते हुए कहा था कि उसने सभी दायरों और गतिविधियों का पालन किया है।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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