
UNITED NEWS OF ASIA. भारती कौर,भिलाई | छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने राज्य में शिक्षा विभाग की नीतियों के विरोध में “शिक्षा-न्याय आंदोलन” शुरू करने की घोषणा की है। आंदोलन की रूपरेखा को लेकर विभिन्न जिलों में कांग्रेस की प्रेस वार्ताएं आयोजित की जा रही हैं। इसी कड़ी में पूर्व कैबिनेट मंत्री रविंद्र चौबे ने भाजपा सरकार पर शिक्षा विरोधी और रोजगार विरोधी नीतियों का आरोप लगाया।
स्कूलों को बंद करने के निर्णय पर आपत्ति
पूर्व मंत्री चौबे ने बताया कि प्रदेश की भाजपा सरकार युक्तियुक्तकरण के नाम पर 10,463 स्कूलों को बंद करने की योजना बना रही है। इस फैसले से न केवल 45,000 से अधिक शिक्षकों के पद समाप्त होंगे, बल्कि मिड-डे मील में कार्यरत रसोइया, स्वीपर, महिला स्व-सहायता समूहों और अन्य सहायक कर्मचारियों के रोजगार पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा।
अनुसूचित क्षेत्रों पर विशेष प्रभाव
उन्होंने यह भी कहा कि यह नीति विशेष रूप से अनुसूचित और आदिवासी बहुल क्षेत्रों में स्कूली शिक्षा के स्तर को प्रभावित करेगी, जिससे शिक्षा की पहुंच और गुणवत्ता दोनों को नुकसान पहुंचेगा। साथ ही, यह नीति स्थानीय युवाओं के रोजगार अवसरों को भी सीमित कर रही है।
9 जून से चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा
प्रदेश कांग्रेस ने घोषणा की है कि इस नीति के विरोध में 9 जून से “शिक्षा-न्याय आंदोलन” की शुरुआत की जाएगी। पहले चरण में जिले और ब्लॉकों में स्थित विकासखंड शिक्षा अधिकारी (BEO) कार्यालयों का घेराव किया जाएगा। आंदोलन चरणबद्ध रूप से पूरे प्रदेश में चलाया जाएगा, जिसमें सभी जिला और ब्लॉक मुख्यालयों को शामिल किया जाएगा।
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