मध्यप्रदेश

MP पर कर्ज का बोझ बढ़ा! सरकार फिर ले रही 6000 करोड़ का कर्ज, कांग्रेस का हमला

UNITED NEWS OF ASIA. भोपाल। मध्यप्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार एक बार फिर बड़ा कर्ज लेने जा रही है। 19 मार्च को राज्य सरकार बाजार से 6000 करोड़ रुपये का कर्ज लेगी। खास बात यह है कि सरकार सिर्फ 15 दिनों के भीतर तीसरी बार कर्ज ले रही है। यह कर्ज 7 साल, 21 साल और 25 साल की अवधि के लिए लिया जाएगा। वित्त विभाग ने इस कर्ज के लिए आरबीआई के माध्यम से अधिसूचना जारी कर दी है।

सरकार इससे पहले जनवरी से मार्च के बीच कुल 16,000 करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है। आंकड़ों के मुताबिक, 31 मार्च 2024 तक राज्य सरकार पर कुल 3.75 लाख करोड़ रुपये का कर्ज हो चुका था। इस वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार को अधिकतम 62,835 करोड़ रुपये तक का कर्ज लेने की अनुमति है। इस हिसाब से सरकार 31 मार्च तक सिर्फ 5,800 करोड़ रुपये और कर्ज ले सकती है।

कांग्रेस का हमला – कर्ज लेकर मंत्रियों के बंगले चमका रही सरकार

सरकार के बार-बार कर्ज लेने पर कांग्रेस ने निशाना साधा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि “मध्यप्रदेश का हर बच्चा जन्म से ही 60 हजार रुपये का कर्जदार है।” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार कर्ज लेकर जनकल्याण की योजनाएं चलाने के बजाय मंत्रियों के बंगले चमकाने में खर्च कर रही है।

जीतू पटवारी ने कहा,

“प्रदेश पर पहले से ही 5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। ऐसे में बार-बार कर्ज लेना यह साबित करता है कि सरकार वित्तीय प्रबंधन में पूरी तरह विफल है। आम जनता की भलाई के लिए यह राशि खर्च करने की बजाय नेताओं और मंत्रियों के ऐशो-आराम पर खर्च हो रही है।”

जनता पर बढ़ेगा बोझ

विशेषज्ञों का कहना है कि बार-बार कर्ज लेने से राज्य की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ सकता है। इससे न सिर्फ राज्य का बजट घाटा बढ़ेगा, बल्कि इससे राज्य की वित्तीय स्थिति भी कमजोर हो सकती है।

सरकार के बढ़ते कर्ज पर कांग्रेस का हमला कितना सही है? क्या जनता पर इसका बोझ बढ़ेगा या सरकार के पास इससे उबरने का कोई प्लान है? यह देखना दिलचस्प होगा।

 


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