लेटेस्ट न्यूज़

जातिगत जनगणना को लेकर कांग्रेस और सपा ने मिलाया हाथ मध्यप्रदेश में मिशन 2024 को लेकर भाजपा की बढ़ी टेंशन

ऐप पर पढ़ें

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारी में सभी राजनीतिक दल जुट गए हैं। चुनाव के कुछ महीने पहले सूबे के विपक्षी दलों ने मध्य प्रदेश में जनसंख्या की मांग की मांग की है। पिछले दिनों बिहार में तंत्रिका सरकार द्वारा जनगणना शुरू की गई थी। अब इसकी मांग अन्य राज्यों में भी होने लगी है। वहीं मध्य प्रदेश में जनसंख्या जनगणना के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस और समाजवादी पार्टी बैठक कर रहे हैं।

बीजेपी क्या छिपाने की कोशिश कर रही- कमलनाथ
शुक्रवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने कहा, ‘जातीय जनसंख्या संतुलन के लिए बहुत जरूरी है। जातीय जनगणना क्यों नहीं की जानी चाहिए? सटीक ये लोग किससे जुड़े हैं? क्या छिपाने की कोशिश कर रहे हैं? जातीय जनगणना सही की जानी चाहिए। मध्य प्रदेश में जातिगत विविधताएं हैं। जातीय जनगणना से ओबीसी वर्ग को तथ्य में उचित स्थान मिलेगा।’

भाजपा उच्च जाति के लोगों की पार्टी है- समाजवादी पार्टी
वहीं समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामायण सिंह पटेल ने केंद्र और राज्य सरकार पर जातीय जनगणना को लेकर भारी ध्वनि साधा। उन्होंने कहा, ‘भाजपा जातीय जनगणना से डरती है क्योंकि यह उच्च जाति के लोगों की पार्टी है। इस जनगणना से पता चलेगा कि ओबीसी के साथ कितना अन्याय हो रहा है। उन्हें लाभ और वास्तव में मिल नहीं रहा है। मध्य प्रदेश में ओबीसी की आबादी 50 प्रतिशत अधिक है, लेकिन उन्हें 27 प्रतिशत का भी प्रमाण नहीं मिल रहा है। हाल ही में इस मांग को लेकर राज्यपालों का कथन है।’

क्या है पूरा मामला?
मध्य प्रदेश के ओबीसी वर्ग की मांग है कि उन्हें सरकारी नौकरी और उच्च शिक्षा की कक्षाओं में दाखिले के लिए 27% न्यूट्रिशन मिले। वर्तमान में ओबीसी वर्ग को 14% विवरण मिलता है। राज्य के ओबीसी वर्ग का दावा है कि मध्य प्रदेश में ओबीसी की कुल जनसंख्या 50% से अधिक है। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों का मानना ​​है कि जातीय जनगणना से राज्य में ओबीसी को 27% न्यूट्रीशन मिलने का मजबूत मामला होगा। वहीं बीजेपी ने जातीयता की मांग को विपक्षी रूढ़िवादी राजनीतिक स्टंट करार दिया है।

बीजेपी ओबीसी विंग के नेता नारायण सिंह कुशवाहा ने कहा, ‘जातीय जनसंख्या की मांग सिर्फ एक राजनीतिक कदम है। राज्य सरकार ने ओबीसी की आबादी के बारे में उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय को सबसे पहले बताया है। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और अन्य राजनीतिक दल जाति के आधार पर लोगों के बीच दरार डालने की कोशिश कर रहे हैं। वो सभी जाति के वोटरों की संख्या जानना चाहते हैं इसलिए इसकी मांग कर रहे हैं।’

बता दें कि मार्च 2019 में मध्य प्रदेश की सड़क कांग्रेस सरकार ने ओबीसी वर्ग के लिए 27% न्यूट्रिशन की घोषणा की थी। ये तथ्य सरकारी नौकरी और उच्च शिक्षा की पढ़ाई में दी गई थी। राज्य सरकार के इस निर्णय को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई। सितंबर 2021 में कोर्ट ने इस फैसले पर रोक लगा दी। कुछ ही महीनों में राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं। वोटरों को लुनने के लिए राजनीतिक पार्टियां तैयारियां तेज कर दी हैं। साल 2024 में लोकसभा चुनाव हैं। इससे पहले कई राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं। केंद्र की भाजपा सरकार ‘मिशन 2024’ की तैयारी में जुट गई है। ऐसे में मध्य प्रदेश चुनाव में भाजपा के लिए एक अहम चुनाव है। राज्य में विपक्षी पार्टियों ने एकता जातीय जनगणना की मांग शुरू की है। ऐसे में बीजेपी राज्य के वोटरों को लुटने के लिए क्या योजना बनती है, ये देखना दिलचस्प होगा।

Show More

Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
Back to top button

You cannot copy content of this page