पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, पीर जी ने न्यायपालिका पर उप राष्ट्रपति के हमलों का सही विरोध करते हुए कहा कि संसद नहीं, संविधान सर्वोच्च है।
नई दिल्ली। कांग्रेस ने राष्ट्रीय शटरिंग निर्धारण आयोग (एनजेएसी) अधिनियम को रद्द किए जाने के मुद्दे पर उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा परोक्ष रूप से न्यायपालिका की आलोचना किए जाने के बाद शुक्रवार को उन पर ध्यान साधा और राज्यसभा के पूर्व सभापति एम वेंकैया नायडू के इस बयान का उल्लेख दिया गया है कि संविधान सर्वोच्च है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, पीर जी ने न्यायपालिका पर उप राष्ट्रपति के हमलों का सही विरोध करते हुए कहा कि संसद नहीं, संविधान सर्वोच्च है। एक साल पहले धनखड़ जी से पूर्व उप राष्ट्रपति रहे वेंकैया नायडू ने वही बात की थी जो घुमा जी ने की है।
उन्होंने सैयद के बयान से संबद्ध पी संबद्ध की एक विशिष्ट साझा की। 25 नवंबर, 2020 की इस बैठक के अनुसार, सभापति नायडू ने कहा था कि राज्य के तीन अंगों में से कोई भी सर्वोच्च होने का दावा नहीं कर सकता है क्योंकि केवल सर्वोच्च संविधान और विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका संविधान में प्रावधान प्रावधान हैं। काम के अंदर। पी जाइअदर का इस बात का दावा है कि नायडू ने गुजरात के केवड़िया में पथरासीन अधिकारियों के 80वें अखिल भारतीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की थी।
रमेश ने धनखड़ पर निशानाते हुए बृहस्पतिवार को कहा था कि राज्यसभा के सभापति का केशवानंद भारती मामले से जुड़े जजमेंट को ‘गलत’ कहना न्यायपालिका पर विशेष आक्रमण है।उल्लेखनीय है कि धनखड़ ने बुधवार को कहा था कि संसद द्वारा बनाए गए किसी और संस्था द्वारा प्रजातंत्र के लिए कानून बनाना ठीक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2015 में एनजेएसी अधिनियम को रद्द किए जाने को लेकर उन्होंने यह भी कहा था कि ‘दुनिया में ऐसा कहीं नहीं हुआ है।
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