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श्रद्धा हत्याकांड आफतबा की चार्जशीट सामग्री में स्वीकारोक्ति। श्रीमान का चेहरा पेट्रोल से जलाया, हड्डियों को पीसकर पाउडर बनाया… पढ़ें, आफताब का पूरा कबूलनामा

छतरपुर वन- इंडिया टीवी हिंदी

छवि स्रोत: पीटीआई
छतरपुर जहां जंगल आफताब ने श्रद्धा के शव के टुकड़े फेंके थे।

नई दिल्ली: श्रीमान मर्डर मामले में पंच आफताब अमीन पूनावाला ने बड़ा कबूलनामा किया है। आफताब ने अपने लिव-इन पार्ट में श्रद्धा वाकर के 35 टुकड़े किए थे और उसके शव को अपना रखा था। अब उसने पुलिस के सामने कबूल किया कि उसने लाश के कई घरों को पेट्रोल से जलाया। यही नहीं बल्कि की हड्डियों को पीसकर पाउडर बनाया। आफताब ने बताया कि मैं श्रद्धा को लेकर पजेसिव था और झिंझोड़ में मैं उसके साथ प्रभावित कर देता था जिसकी उसने शिकायत मुंबई में पुलिस में भी की थी। हम दोनों ने अपने रिश्ते में सुधार करने के लिए ट्रिप का प्लान किया था।

वहीं, दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को आफताब के खिलाफ दिल्ली पुलिस चार्टर द्वारा आकारिक रूप से संज्ञान लिया गया। पुलिस ने 24 जनवरी को इस मामले में आरोप पत्र दायर किया था। कोर्ट ने पूनावाला की सजा 14 दिनों के लिए बढ़ा दी थी। चार्ज साइज पर संज्ञान लेने के बाद कोर्ट ने मामले की जांच के लिए 21 फरवरी की तारीख तय की है। सूत्रों के अनुसार चार्टिक फॉरेंसिक और इलेक्ट्रॉनिक सबूतों के आधार पर तैयार किया गया है, इसमें करीब 100 गवाह हैं।

पढ़ें, आफताब का पूरा कबूलनामा

मैं श्रद्धा को लेकर पजेसिव था और झिझक में मैं उसके साथ प्रभावित करता था जिसकी उसने शिकायत की थी मुंबई पुलिस में भी की थी। हम दोनों ने अपने रिश्ते में सुधार करने के लिए पैकिंग ट्रिप का प्लान किया और हम दोनों ट्रिप पर 28-29/03/2022 को मुंबई से निकल गए और सीधे पहुंच गए। डायरेक्ट, ऋषिकेश, चित्र, मसूरी, मनाली और सड़क मार्ग से पार्वती घाटी पहुंचे और जहां हमें बद्री नाम का लड़का मिला। जिससे हमारी बंबल एप से दोस्ती हुई थी और उसने हमें अपने घर दिल्ली आने के लिए कहा था। हम करीब एक सवा महीने घूमने के बाद मई 2022 के पहले सप्ताह लगभग दिनांक 05/05/2022 को बद्री के घर छतरपुर पहाड़ी दिल्ली पर पहुंचे। हम उसके घर पर करीब 8-10 दिन रुके थे और वहां भी मेरे और श्रद्धा के बीच झिझक रहे थे और इस वजह से हमारा ब्रेकअप हो गया था।

मेरे और श्रद्धा के बीच में अक्सर झंझट होने के कारण बद्री ने हमें अपने घर से जाने को कहा और इसके करीब दो दिन बाद रुककर दिनांक 16/05/2022 से हम दोनों ने राहुल गांधी के जरिए रोहन कुमार नील के मकान एच. नंबर 93, गली नंबर 1. 60 फुटा रोड, छतरपुर पहाड़ी, नई दिल्ली पहली मंजिल को किराए पर ले लिया और रहने लगे। उस समय हम दोनों की कही नौकरी भी नहीं थी और ज्यादातर पैसा यात्रा में खर्च हो चुका था तो यहां पर भी हम दोनों में छोटी-छोटी चीजों को लेकर काफी झगडा होने लगा और दिनांक 18/05/2022 को शाम करीब 6-6.30 श्रद्धा ने मुझे अपने किराए के घर वसई से जाने से घर का सामान लाने की कही। टिकट का लेखा-जोखा भी था लेकिन मैंने उसे तबीयत खराब घोषित कर दिया, जाने से मना किया तो वह क्रोधित हो गया और कहने लगा कि दोनों के पास केवल दो बैग हैं और खाने पीने का कोई सामान नहीं है।

ऐसे में लाश को ठिकाने लगाया जाता है
संपूर्ण बाजार का भोजन स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है देश जिद की तो मैंने उसे आधा पैसा खर्च करने का दिया की बात कही जिस पर श्रद्धा आग बबूला हो गई और मुझे गली गलोच करने लगी। मैं उसका झगडा करने और गली देने की हमेशा की आदत से हमेशा के लिए छुटकारा पाने के लिए उसे हमेशा के लिए अपने रास्ते से हटाने के लिए ठान कर उसे जान से मारने के लिए उसे पकड़कर फड़ पर गिरा लिया और उसकी छाती पर देखा दोनों हाथों से उसका गला तब तक दबाये रखा जब तक वह मर नहीं गया। इसके बाद उनके मृत शरीर को पूर्वस्कूली में छिपा दिया गया। फिर मैंने उसके मृत शरीरों को नष्ट करने के लिए छोटे छोटे टुकड़ों को बड़े ब्रीफकेस में फेंकने की योजना बनाने की योजना और छत्तरपुर पहाड़ी से एक जंगल में फेंक दिया।

इसलिए ब्रीफकेस की योजना को रद्द कर दिया
इसके बाद 652 दुकान नंबर से एक हैमर एक आदि (आरी) और उसके तीन ब्लेड पढ़े। घर पर आकर मृत शरीर के दोनों हाथ आरी से काटकर एक पॉलीथीन में पूर्वाश्रम में ही रख दिया। दिनांक 19/05/2022 को मैंने मंदिर वाली रोड छत्तरपुर के पास एक दुकान से ट्रेश बैग, एक चाकू और एक व्यक्ति खरीदा था और चाकू को बैग में रखा था। इसके बाद मैंने वाई पॉइंट छतरपुर से लिया जिसके लिए मैंने अपने शहर के बैंक के क्रेडिट कार्ड से करीब 25000 रुपये लिए थे और मेरी शिकायत उसी दिन शाम को दुकानदारों को भिजवा दिया था। शाम को मैंने श्रीमान की मृत शरीर के दोनों पैरों को एंकल से काट दिया, उन्हें ट्रैश बैग में डाल दिया, वहां पैक किया और बॉडी पार्ट को भरते हुए खाते में रखते हुए रख दिए। बॉडी के पार्ट को काटने के बाद बॉडी का खून हार्पिक से साफ कर दिया था। दिनांक 20.05.2022 को मैंने मृत शरीरों को काटकर निपटान करने की योजना के तहत मैंने महरौली बाजार से एक बड़ा लाल रंग का ब्रीफकेस भी खरीदा था जिसके लिए मैंने 2000 रुपये अपने गूगल पे से दिए थे लेकिन डर से ब्रीफकेस वाले प्लान को छोड़ दिया था । डेड बॉडीज को डिस्पोज करने के लिए जंगल में छोटे-छोटे छोटे-छोटे टुकड़ों को अलग-अलग जगह पर शेयर करने की योजना बनाई गई थी और शाम को उसके बॉडी से उसके सिर, बाकी बॉडी पार्ट्स को अलग करने के लिए अलग कर दिया। उसके पेट से उसने पॉलीथीन में 60 फुटा रोड छतरपुर पहाड़ी के कोनों पर बड़े कूड़ेदान में डाल दिया। उसके अन्य बॉडी पार्ट सिर, दोनों कलाइयों को छोड़कर उसके अंगुलियों को ब्लो टोर्च से छतरपर पहाड़ी से सड़क के पार फेंक दिया।

पहले पेट्रोल से जलाया, फिर बची हड्डियों का पाउडर बनाया
उसके बाकी हिस्से शमशान घाट के पास नाले वाले जंगल, उसका एक हाथ का अंगूठा धान मिल की दिवार के पास और अन्य बॉडी पार्ट हाथ वगैरह गुरुग्राम की तरफ जाने वाले एमजी रोड पर छतरपुर पहाड़ी के पास जंगल में अलग-अलग जगह सबूत खत्म करने के लिए मकसद से स्पष्टीकरण दिए गए थे। बाद में बच गए हड्डियों पर पानी के रिश्ते में हलचल मच गई, हड्डियों को मार्बल घिसने वाले ग्राइंडर से अपने किराए के घर की छत पर ले गए पाउडर बनाया, फिर उसे 100 फूटा सड़क पर डाल दिया था। सिर को मैंने उसकी पहचान होने के डर से अपना पास शटर में रख लिया था और इसके करीब तीन चार महीने बाद उसके सिर और चेहरे को ब्लो टॉर्च से विकृत कर दिया। उन्होंने अपने बच्चों और कपड़ों को छतरपुर पहाड़ी के कोनों पर डस्टबिन में डाल दिया था।

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‘मुझे मुझसे गलती हो गई माफ कर दिया’
चालू होने के बाद श्रद्धा का अकाउंट अकाउंट मेरे फोन में आने वाला था जिससे मैंने श्रद्धा बनकर अपने दोस्त लक्ष्मण को उसके मैसेज का मैसेज पर रिप्लाई किया था। उसे मारने वाले दिन मैंने उसके मोबाइल फोन से अपने अकाउंट में 54000 रुपये दो बार वोट किए थे। इसके बाद मैं मुंबई में जून के पहले हफ्ते में अपना वसई वाले किराए के मकान से सामान लेकर आ रहा था और कहानी मैं बनाने के लिए 06/06/2022 के क्रेडिट कार्ड में अपने अकाउंट से 6000 रुपये आवंटित किए थे जिससे उसे बिल के लिए कॉल किया गया था नहीं आया। इसके बाद मैं छतरपुर पहाड़ी पर वापस गया था। जब महाराष्ट्र पुलिस ने मुझे श्रद्धा के बारे में पूछताछ करने के लिए बुलाया था तो वहां से वापस आकर मेरे शुभ्र का फोन कहीं गुम हो गया। उसी के बाद मैंने एक नया फोन सैमसंग की खरीद लिया और परिवर्तन समझौते में अपना पहला वाला फोन अनुबंध पर बेच दिया। मैंने श्रद्धा का मर्डर करके उसके शरीर को अलग-अलग जगह फेंककर सबूत मिटा दिया है, मुझसे गलती हो गई मुझे माफ कर दो।

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