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दिल्ली एम्स कैंपस वाई फाई सर्विस में इंटरनेट सुविधा शुरू करने के लिए कमेटी गठित | दिल्ली: दिल्ली एम्स परिसर को जल्द ही 24 घंटे वाई-फाई सेवा शुरू होगी, डॉक्टर

दिल्ली एम्स समाचार: दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) प्रशासन ने अपने परिसर को वाई-फाई (वाई फाई) से पूरी तरह से कम करने के लिए एक समिति बनाई है। एम्स कार्यालय द्वारा शुक्रवार (26 मई) को जारी सूचना के अनुसार, एम्स में मरीजों के उपचार के साथ-साथ शिक्षण और अनुसंधान के बारे में जानकारी दी गई है। जिसके लिए पूरे अस्पताल परिसर में चौबीस घंटे सुरक्षित वाई-फाई की जरूरत है।

एम्स कार्यालय द्वारा जारी जारी निदेशक डॉ श्रीनिवास के संबंध में कहा गया है कि वर्तमान में सिर्फ नई इमारतें ही वाई-फाई से कम हैं और परिसर के अधिकांश हिस्सों में वाई-फाई बहुत खराब हैं, जिससे कर्मचारियों और किराएदारों को समान रूप से बहुत असुविधा हो रही है। आगे भी कहा गया है कि सामान्य वाई-फाई नेटवर्क की कमी के कारण कई दंपत्ति ने अपने दिन-प्रतिदिन के कामकाज को वरीयताओं को बनाने के लिए अपनी स्वयं की वाई-फाई नेटवर्क को रखा है।

पूरे एम्स परिसर में वाई-फाई कनेक्टिविटी की मांग

सूचना के अनुसार, साइबर गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए संबंधित नेटवर्क की निगरानी करना मुश्किल हो गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि रोगी देखभाल, शिक्षण, अनुसंधान और प्रशासन के लिए विभिन्न चिकित्सा योग्यताओं की ओर से अपनाए गए, वैश्विक सर्वोत्तम दृष्टिकोण और एकीकृत चिकित्सा विश्वविद्यालय सूचना प्रणाली (आईएमयू आईएस) को लागू करने के लिए समूचा दिल्ली एम्स परिसर वाई-फाई से कमी होना चाहिए।

कमेटी 15 जुलाई तक मेरी रिपोर्ट पेश करती है

दिल्ली एम्स के निदेशक के संबंध में प्रपत्रों के अनुसार, पांच सदस्यों की समिति पूरे परिसर को वाई-फाई से चूक करने के लिए 15 जून तक स्पष्ट पत्र जारी करेगी। उन जिम्मेदार प्राधिकरण से परिसर का सर्वेक्षण करने और 15 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी आग्रह किया है। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर पूरे परिसर में वाई फाइल नेटवर्क को कमजोर कर दिया जाएगा।

मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक इससे पहले मार्च में एमएमएस ने 5जी नेटवर्क की सुविधा से लैस करने की शुरुआत की थी। प्रशासन के अनुसार संस्थान में 24 घंटे की संक्षिप्तता की सुविधा विकसित होने से संस्थानों के चिकित्सक, चिकित्सा कर्मचारी, कर्मचारियों के अलावा नागरिकों को भी फाएदा होगा। मरीजों और उनके परिजनों की जांच रिपोर्ट के लिए लंबी-लंबी चिपकी शिकायतें मिलती हैं, जहां वे अपनी रिपोर्ट ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं।

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