UNITED NEWS OF ASIA. गरियाबंद। बस्तर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या के बाद छत्तीसगढ़ में एक बार फिर पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग तेज हो गई है। इस बीच, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गरियाबंद जिले के दौरे पर बड़ा ऐलान किया।
उन्होंने कहा,
“पत्रकारों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। जल्द ही पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करेंगे। बीजापुर मामले में हमने त्वरित कार्रवाई की, जो पूरे देश ने देखा है।”
हालांकि, इस कानून के लागू होने की समयसीमा पर सवाल का जवाब देते हुए सीएम ने केवल जल्द से जल्द कार्रवाई का भरोसा दिया।
राजभवन में अटका पत्रकार सुरक्षा कानून:
पत्रकार सुरक्षा कानून को लेकर प्रदेश में लंबे समय से मांग चल रही है। यह विधेयक कैबिनेट से मंजूरी और विधानसभा से पास होने के बाद भी राजभवन में लंबित है। मुख्यमंत्री के इस ऐलान ने प्रदेश के पत्रकारों में उम्मीद जगा दी है।
गरियाबंद जिले को सौगातें:
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गरियाबंद जिले में 338 विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। इनमें प्रमुख घोषणाएं थीं:
- देवभोग के झाखरपारा मार्ग पर उच्च स्तरीय पुल निर्माण: यह पुल 36 गांवों के आवागमन को सुगम बनाएगा।
- सुपबेड़ा गांव के किडनी रोगियों के लिए रिसर्च: सीएम साय ने कहा कि जल्द ही विशेषज्ञों से संपर्क कर किडनी रोग के मामलों की गहन जांच और समाधान के लिए काम किया जाएगा।
झाखरपारा मार्ग पर पुल निर्माण:
पूर्व विधायक गोवर्धन मांझी की मांग पर बेलाट नाला पर उच्च स्तरीय पुल निर्माण की घोषणा की गई। इससे क्षेत्र के 36 गांवों के लोगों को बड़ा लाभ मिलेगा।
सुपबेड़ा में किडनी रोगियों का मसला:
सुपबेड़ा गांव लंबे समय से किडनी रोग से प्रभावित रहा है। सीएम ने यहां जल्द विशेषज्ञों से संपर्क कर रिसर्च शुरू करने की घोषणा की।
राजनीतिक संदेश:
मुख्यमंत्री का दौरा और घोषणाएं ऐसे समय में हुई हैं जब प्रदेश में राजनीतिक माहौल गर्म है। पत्रकार सुरक्षा कानून और विकास कार्यों को लेकर किए गए ये ऐलान प्रदेश की जनता और पत्रकारों को राहत देने का प्रयास माना जा रहा है।