मुख्यमंत्री ने कहा, “हम भी नहीं चाहते कि किसी शिक्षक की नौकरी जाए, लेकिन जो भी निर्णय होगा, वह विधिसम्मत और पारदर्शी प्रक्रिया का पालन करते हुए लिया जाएगा।”
सीएस की अध्यक्षता में गठित कमेटी
सरकार ने इस संवेदनशील मामले को हल करने के लिए मुख्य सचिव (CS) की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी सभी पहलुओं पर विचार कर अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपेगी, जिसके आधार पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
सरकार का सकारात्मक रुख
सीएम साय ने अपने बयान में संकेत दिया कि सरकार शिक्षकों के हितों को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि बर्खास्त शिक्षकों की समस्याओं को समझते हुए हर संभव समाधान की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।
मामले की पृष्ठभूमि
B.Ed डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों की बर्खास्तगी का मामला राज्य में एक संवेदनशील मुद्दा बन चुका है। शिक्षक संघ और प्रभावित कर्मचारी लंबे समय से अपनी नौकरी बचाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका तर्क है कि वे अपनी सेवाएं पूरी निष्ठा और मेहनत के साथ दे रहे हैं, इसलिए उन्हें नौकरी से बर्खास्त करना अन्यायपूर्ण है।
प्रभावित शिक्षकों की मांग
शिक्षक संघ की मांग है कि सरकार उनकी सेवाओं को पुनः बहाल करे और उन्हें स्थायी नियुक्ति दी जाए। संघ ने यह भी कहा कि वे सरकार के हर नियम और शर्त का पालन करने के लिए तैयार हैं।
आगे की प्रक्रिया
सरकार के इस सकारात्मक रुख से शिक्षकों को उम्मीद है कि जल्द ही उनके भविष्य को लेकर कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा। कमेटी की सिफारिशों के बाद राज्य सरकार द्वारा इस मामले पर बड़ा कदम उठाए जाने की संभावना है।