
UNITED NEWS OF ASIA. दिल्ली। सीएम अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल से बाहर निकल गए है। साथ में पंजाब सीएम भगवंत मान भी मौजूद है। कोर्ट ने जमानत के साथ कुछ शर्तें भी लगाईं हैं और केजरीवाल से कहा है कि वह मुख्यमंत्री दफ्तर नहीं जा पाएंगे। कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया है कि अंतरिम जमानत दी गई है, केस की मेरिट पर कोई विचार नहीं दिया गया है।
बता दें कि 21 मार्च को गिरफ्तार किए गए अरविंद केजरीवाल के लिए 50 दिन बाद रिहाई का रास्ता साफ हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल समाज के लिए खतरा नहीं हैं और ना ही उनका कोई आपराधिक इतिहास है। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान भी यह कहा था कि केजरीवाल दिल्ली के निर्वाचित मुख्यमंत्री हैं, आदतन अपराधी नहीं, इसलिए उन्हें चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम राहत दी जा सकती है। केजरीवाल को 2 जून को सरेंडर करके दोबारा जेल जाना होगा।
जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने अरविंद केजरीवाल को जमानत देते हुए यह साफ किया कि केस के मेरिट पर कुछ नहीं कहा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत की शर्तों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘जमानत देने का मतलब केस के मेरिट (गुण-दोष) पर विचार नहीं माना जाएगा।’ सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि जमानत की शर्तों के मुताबिक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी अंतरिम जमानत की अवधि के दौरान अपने कार्यालय या दिल्ली सचिवालय नहीं जा सकेंगे। देश की सबसे बड़ी अदालत ने कहा कि केजरीवाल अंतरिम जमानत के दौरान तब तक किसी भी सरकारी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे, जब तक उपराज्यपाल की मंजूरी प्राप्त करने के लिए ऐसा करना आवश्यक न हो।
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