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चिटफंड: करोड़ों रुपये लेकर हुए थे ऑफर, 4 साल से पुलिस कर रही थी तलाश, पूरा परिवार हुआ गिरफ्तार

चिट फंड धोखाधड़ी: पंजाब और सिंध बैंक में मैनेजर की नौकरी कर रहे इकबाल सिंह बवेजा के मन में अचानक अचानक अमीर बनने की फितूर सवार हो गए। ऐसा नहीं है कि इकबाल के पास आय का जरिया सिर्फ उसका तनख्वाह था, बल्कि दिल्ली के पॉश इलाके में एक राजौरी गार्डन में एक बैंकविट हॉल और पीएसबी इलेक्ट्रोनिक्स के नाम से एक शो चल रहा था। अमीर बनने के इस फितूर में उसने बैंक से स्वच्छ अभिषेक ले ली।

बैंक की नौकरी से लौटने के बाद उसने दो चिटफंड कंपनी खोली और लोगों को आकर्षक दिखने वाली मुलाकात का सब्जबाग दिखाकर करीब 20 करोड़ रुपए लेने के लिए। इतने रुपये हाथ आते ही इकबाल का मन बदल गया। वह रातों रात अपना सामान और अपने परिवार के साथ दिल्‍ली के साथ गायब हो गया। वीसी की शिकायत पर पुलिस पिछले चार साल से इकबाल की मांग कर रही थी।

इकॉनोमिक ऑफेंस विंग के डीसीपी ने रॉय के मुताबिक, तीनों गिरफ्तार सुरजीत सिंह आनंद नामक एक पीडि़त की शिकायत के बाद किया है। सुरजीत सिंह आनंद ने पुलिस को अपनी शिकायत में बताया था कि राजौरी गार्डन में डी के बैंक्विट हॉल और पीएसबी इलेक्ट्रोनिक्स शो के मालिक इकबाल सिंह बवेजा रिजक चिफ फंड और पीबीएस चिट फंड कंपनी चल रहे थे।

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सेंस इकबाल की इन चिपफंड कंपनी में उनकी पत्नियां तजिंदर कौर, बेटा परमीत सिंह और बहू जसनीत भी शामिल थीं। दस लोगों को एक्सीएक्स रिटर्न्स का लालच देकर अपने जाल में फंस गए थे। इन जाल में फंसकर लोगों ने उनकी चिटफंड कंपनी में करोंड़ो रुपए का निवेश किया। जिसके बाद करीब करीब लोगों की मेहनत की कमाई के करीब 20 करोड़ रुपए लेकर ऑफर हो गए।

चार साल बाद हुई फर्जीवाड़ा
डीसीपी अन्वेष रॉय ने बताया कि ग्रेविटास को देखते हुए दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने 21 जून 2019 को प्राइज चिट्स एंड मनी सर्कुलेशन स्‍कीम (बैनिंग एक्‍ट) के तहत मामला दर्ज कर अपनी तफ्तीश शुरू कर दी। पुलिस की टीम ने पीडि़तों के बयान दर्ज करने के लिए संबंधित बैंक एकाउंट की सफाई शुरू की। साथ ही, खाड़ी की खाड़ी भी शुरू कर दी गई।

उन्नीत ने बताया कि तमाम कोशिशों के बावजूद मिलावट का कोई निशान नहीं मिला। जिसके आधार पर, अदालत ने पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर उन चारों को भगोड़ा घोषित कर दिया। उद्र, तमाम नाकामियों के बावजूद पुलिस की टीम इलेक्ट्रोनिक्स सर्विलांस की मदद से तलाश की तलाश कर रही थी। करीब 4 साल बाद पुलिस की मेहतन रंग लगी और तीन दस्तावेजों के मार्कर ईओडब्‍ल्‍यू के हाथ लग गए।

एमपी के पन्ना से फर्जी गिरफ्तारी हुई है
डीसीपी अन्वेष रॉय ने बताया कि इलैक्ट्रोनिक सर्विलांस की मदद से पुलिस को पता चला है कि पंच मध्य प्रदेश के पन्ना शहर में छाए हुए हैं। जिसके बाद एसीपी सचिंदर मोहन शर्मा के नेतृत्व में ईओडबिली की एक टीम को पन्ना के लिए रवाना कर दिया गया। 28 मार्च 2023 को पुलिस टीम ने सुपर एक्सेंक्स इकबाल, अपने बेटे परमीत सिंह और बहू जसनीत को गिरफ्तार कर लिया।

उन्नी ने बताया कि मामले की चौथी सदी और इकबाल की पत्नी तजिंदर कौर की मौत हो गई है। गिरफ्तारी के बाद तीनों को थाने की अदालत में पेश किया गया। कोर्ट ने एकबाल सिंह बावेजा और परमीत सिंह बावेजा को दो दिन के पुलिस रिमांड पर ईओडबिली को सौंप दिया है। दोनों निगरानी से पुलिस की पूछताछ जारी है।

टैग: चिट फंड घोटाला, अपराध समाचार, दिल्ली पुलिस, ईओडब्ल्यू

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