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चीन ने ताइवान के खिलाफ सैन्य शक्ति प्रदर्शन, सैन्य अभ्यास पूरा करने की बात कही

चीन की सरकारी मीडिया ने यहां बताया कि चीनी लोग लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के ‘ईस्टर्न थिएटर’ कमांड ने ताइवान द्वीप के चारों ओर गश्त और अभ्यास के सभी कार्यों को पूरा किया।

चीन ने सोमवार को कहा कि उसने ताइवान के पास एक विमान वाहक पोत का उपयोग करते हुए अपना तीन दिवसीय सैन्य अभ्यास पूरा कर लिया है। चीन की इस सैन्य शक्ति का उद्देश्य ताइवान के राष्ट्रपति साई इंग-वेन के अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष केविन मैक्कार्थी के साथ बैठक के खिलाफ अपनी जमाना था। चीन की सरकारी मीडिया ने यहां बताया कि चीनी लोग लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के ‘ईस्टर्न थिएटर’ कमांड ने ताइवान द्वीप के चारों ओर गश्त और अभ्यास के सभी कार्यों को पूरा किया।

ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने रविवार को कहा कि पिछले 24 घंटे में ताइवान के लगभग 70 चीनी और 11 चीनी जहाज देखे जा चुके हैं। चीन ताइवान एक अलग प्रांत के रूप में देखता है। बीजिंग ने स्व-मत्त द्वीप को मुख्य भूमि के साथ फिर से जोड़ने के लिए बल के ज़ोन का उपयोग अस्वीकार नहीं किया है। लिपिक का कहना है कि इस बार पीएलए की कवायद पिछले अगस्त की तरह थी, जब हाउस स्पीकर केविन मैक्कार्थी के पूर्व नैन्सी पेलोसी ने ताइपे का दौरा किया था।

वह ताइवान का दौरा करने वाले पहले बड़े अमेरिकी नेता बन गए थे। चीन ने अपने विमान परिचालन पोत शांडोंग को स्थापित किया और चीन के कई तटीय इलाकों से ताइवान, जलडमरू में स्थित सरकारी चैनल को मिसाइल चिन्ह माना जानादिखाया। चीन ने ताइवान के पूर्व नेता मा यिंग-जेउ की मेजबानी की, जो कुओमिन्तांग (के एम) पार्टी के नेता हैं, जो बीजिंग के साथ व्यवहारिकता की बात करता है। मा ने अपनी चीन यात्रा का समापन ठीक उसी समय किया, जब साई इंग-वेन ने अमेरिका का दौरा किया। पीएलए ने शनिवार को कहा कि उसके ताइवान द्वीप समूह ने 8 से 10 अप्रैल तक सैन्य अभ्यास शुरू किया।

कमांड के पादरी शि यी ने कहा कि ताइवान जलडमरू मध्य के समुद्री क्षेत्रों और हवाई क्षेत्र में, द्वीप के उत्तरी और दक्षिणी से दूर और पूर्व में गश्त और अभ्यास हुआ। शी ने कहा कि ये अभियान ताइवान की स्वतंत्रता की मांग करने वाले अभेद्य शक्तियों और बाहरी ताकतों के बीच मिलीभगत और उनकी प्रारंभिक गतिविधियों के खिलाफ एक तरह से समान चेतावनी देता है। शी ने कहा कि चीन की राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए अभियान की जरूरत है।

इस बीच, चीनी विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि ताईवान की आज़ादी से जुड़ी अलगाववादी कार्रवाई और उनके लिए बाहरी ताकतों की मिलीभगत और समर्थन ताइवान जलडमरू मध्य में शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा है। मंत्रालय के एक प्रवक्ता वांग वेनबिन ने ताइवान द्वीप के आसपास चल रहे सैन्य अभ्यास के बारे में सवालों के जवाब में कहा, ”ताइवान जलडमरू में शांति और स्थिरता के लिए हमें ताइवान की स्वतंत्रता के सभी कृत्यों का विरोध करना चाहिए।” वांग यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा गया है, ताइवान जलडमरू के बीच में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए, हमें ताइवान की आजादी से संबंधित अधिकारों के सभी रूपों का समान रूप से विरोध करना चाहिए।”

वांग ने उम्मीद जताई कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ताइवान प्रश्न की प्रकृति को समझेगा, एक-चीन सिद्धांत का पालन करेगा, और ताइवान स्वतंत्रता (अलगाववादी गतिविधियों) के सभी स्वरूपों का विरोध करेगा। इस बीच, सोमवार को ‘प्लेयर डेली’ के एक संपादकीय में कहा गया कि ताइवान की रक्षा के लिए अमेरिका पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। इसने वाशिंगटन पर आरोप लगाया कि वह ताइवान को चीन के खिलाफ मोहरे के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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