रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन के लिए सामरिक हित के लिए यह जापान, भारत, वियतनाम, ताइवान और फिलीपींस के क्षेत्रों में सैन्य क्षमता के बारे में सूचना एकीकरण की है।
चीन की जासूसी को लेकर एक तरह के नए दावे रोज किए जा रहे हैं। अब अमेरिकी अधिकारियों का दावा है कि चीन का जासूसी गुब्बारा एक वैश्विक निगरानी प्रयास का हिस्सा है। जिसे सभी देशों की सैन्य क्षमता के बारे में जानकारी इकट्ठी करने के लिए बनाया गया है। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि चीन ने केवल अमेरिका ही नहीं, बल्कि पांच महाद्वीपों के कई देशों की संप्रभुता का उल्लंघन किया है। उसी समय वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार स्पाई बैलून कई वर्षों से चीन के दक्षिण तट से आंशिक रूप से हानान प्रांत से संचालित हो रहा है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन के लिए सामरिक हित के लिए यह जापान, भारत, वियतनाम, ताइवान और फिलीपींस के क्षेत्रों में सैन्य क्षमता के बारे में सूचना एकीकरण की है।
पोस्ट की रिपोर्ट कई गुमनाम रक्षा और गुप्तचर अधिकारियों के साथ साक्षात्कार पर आधारित थी। अधिकारियों ने कहा कि पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) वायु सेना द्वारा संचालित निगरानी हवाई पोतों को पांच महाद्वीपों में देखा गया है। एक सीनियर डिफेंस स्टॉफ ने कहा कि ये लुक्स पीआरसी (पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) के गुब्बरों के बेड़े का हिस्सा हैं, जिन्हें निगरानी संचालन करने के लिए विकसित किया गया है। पिछले हफ्ते देखे गए चश्मे के अलावा हाल के वर्षों में फ्लोरिडा, टेक्सास और गुआम में कम से कम चार चश्मा देखे गए हैं।
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन ने दावा किया कि अमेरिकी वायु क्षेत्र में चीनी निगरानी गुब्बरों के उड़ने के चार मामले भी सामने आ चुके हैं और अमेरिका में हाल ही में चीन के गुब्बारे ”कई साल” से चीन की बड़ी निगरानी जारी हुई है कार्यक्रम का हिस्सा था। रक्षा विभाग के प्रवक्ता जनरल पैट राइडर ने ज़िले से कहा कि यूएस नॉर्दर्न कमांड ने भ्रष्टाचार किए हुए लिप्सा को हासिल करने की कोशिश में जुटा है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि अमेरिका को इस बात की जानकारी है कि इससे पहले भी चार आंखें अमेरिकी क्षेत्र के ऊपर उड़ गए हैं। अमेरिका में मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन भारत और जापान समेत कई देशों को निशाना बनाकर जासूसी करने वाले गुब्बरों का एक बेड़ा संचालित करता है। अमेरिकी अधिकारियों ने भारत सहित अपने मित्रों और सहयोगियों को चीनी-संबंधी सूचनाओं से अवगत कराया है।
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