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लगता है कि चीन ने ठान ली है कि वह अमेरिका के दबाव में बिल्कुल नहीं आने वाला है। चीन ने इस बार देश का एक ऐसा सैन्य जनरल देश का नया रक्षा मंत्री बनाया है, जिसे अमेरिका ने प्रतिबंधित कर दिया है। चीन ने ऐसा करके एक तरह से यह दिखाया है कि वह अपने सैन्य सभी पर अमेरिकी विस्तृत को तवज्जो नहीं देता है। चीन और अमेरिका के बीच लगातार तनातनी चल रही है। ताइवान में दोनों देशों के आमने-सामने आने के बाद इसकी शुरुआत हुई।
जनरल वेई फेंघे की जगह
रविवार को चीन की संसद, नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (सीपीसी) द्वारा नए रक्षा मंत्री के रूप में जनरल ली की पुष्टि की गई। वह जनरल वेई फेंघे का स्थान बनाते हैं। जनरल ली को विभिन्न मंत्रालयों के लिए नए कैबिनेट मंत्री के साथ नियुक्त किया गया। चीन में हर 10 साल में चीनी सरकार के अधिकारी बदले जाते हैं। शनिवार को जनरल ली को केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) के सदस्यों के रूप में नियुक्त किया गया था जो चीनी सेना की उच्च कमान है और इसका नेतृत्व राष्ट्रपति शी चिनफिंग के पास है। अमेरिकी रक्षा विभाग की 2022 चीन सैन्य रिपोर्ट में जनरल ली को जनरल ऑफिसर के रूप में वर्णित किया गया है जो शी को अंतरिक्ष मुद्दों पर सैन्य आधुनिकीकरण के संबंध में तकनीकी विशिष्टता प्रदान करते हैं।
यह बैन की कहानी है
चीन के नए रक्षा मंत्री का नाम जनरल ली शांगफू है। अमेरिका द्वारा उन पर रोक लगाने की कहानी कुछ ऐसी है। यह मामला साल 2018 का है। तब चीन के उपकरण विकास विभाग (ईडीडी) ने रूसी सुखोई एसयू-35 लड़ाकू विमान और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल एस-400 की खरीद की थी। इसके लिए अमेरिका ने वीडियोग्राफर और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जनरल, जनरल ली शांगफू पर प्रतिबंध लगा दिया था। अमेरिका ने ईडीडी और उसके निदेशक जनरल ली, दोनों पर प्रतिबंध लगा दिया था।
चीनी विदेश मंत्री ने दी थी हद में रहने की चेतावनी
हाल ही में चीन के विदेश मंत्री ने अमेरिका को हैद में रहने की चेतावनी दी थी। क्विन गैंग ने कहा था कि अमेरिका को चीन से जुड़े मामलों में सोच-समझकर कदम उठाना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर कार गलत दिशा में भी जा सकता है। उससे पहले अमेरिका में चीन की जासूसी से जासूसी का मामला भी काफी गरमा गया था।