किस्सा कुर्सी का

किस्सा कुर्सी का (4) : छत्तीसगढ़ में 15 वर्षों से रमन सिंह के नेतृत्‍व वाली भाजपा को हराकर कांग्रेस को सत्ता में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक जीवन का अब तक का सफर

भूपेश बघेल एक भारतीय राजनेता हैं और वे कांग्रेस पार्टी के सदस्य हैं तथा छत्तिसगढ विधान सभा में दुर्ग जिले के पाटन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा भारतीय युवा कांग्रेस के सदस्य के रूप में वर्ष 1985 में शुरु की थी और 1993 में पाटन से अपना पहला चुनाव जीतकर मध्य प्रदेश विधान सभा पहुंचे थे। 1998 में एक बार फिर वे पाटन से मध्य प्रदेश विधान सभा के लिए चुने गए और दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में जन सरोकार विभाग के राज्य मंत्री और बाद में परिवहन मंत्री बनाए गये।

वर्ष 2000 में जब छत्तिसगढ पृथक राज्य बना तो बघेल इसके प्रथम राजस्व मंत्री बने। वे छत्तिसगढ विधान सभा में विपक्ष के उपनेता के तौर पर भी कार्य कर चुके हैं। 2014 में भूपेश बघेल को छत्तिसगढ प्रदेश कांग्रेस कमिटी का अध्यक्ष बनाया गया। उन्होंने डेढ दशक बाद कांग्रेस को इस वन्य प्रदेश की सत्ता में लाने में अग्रणी भूमिका निभायी। 2018 के विधान सभा चुनाव में जीत के बाद भूपेश बघेल छत्तिसगढ के तीसरे मुख्य मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया।

शुरु से ही सामाजिक कार्यों में विशेष रुचि रखने वाले बघेल अपने छात्र जीवन से ही राजनीतिक गतिविधियों से जुड़ गये थे। स्‍नातक की पढ़ाई के समय उन्‍होंने कई सारे राजनीतिक कार्यक्रमों एवं अभियानों में बढ़-चढ़ कर हिस्‍सा लिया। उन्‍हें कई सारे सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन की पहल करने के लिये जाना जाता है। शादियों में पैसे की बर्बादी को रोकने का उनका अभियान अब तक का सबसे सफल अभियान रहा है। अभियान के तहत वे कम से कम बजट में शादियां करवाते हैं। लगभग हर वर्ष वे सामूहिक विवाह का आयोजन करवाते हैं। हाल ही में उनके सामाजिक कार्यों के लिए बघेल को ‘महात्मा फूले समता पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया है।

बघेल छत्तिसगढ राज्य को निरंतर प्रगति के पथ पर ले जाने के लिए तत्पर हैं। बतौर मुख्य मंत्री उनके कार्यकाल में राज्य को अनेक पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुआ है। अभी हाल ही में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद द्वारा छत्तिसगढ को ‘सबसे स्वच्छ राज्य’ का पुरस्कार मिला है।

निजी जीवन

पूरा नाम : भूपेश बघेल

जन्म तिथि : 23 Aug 1961

जन्म स्थान : पाटन

पार्टी का नाम : Indian National Congress

शिक्षा : Post Graduate

व्यवसाय :कृषि

पिता का नाम :नंद कुमार बघेल

माता का नाम :बिंदेश्‍वरी बघेल

जीवनसाथी का नाम : मुक्तेश्‍वरी बघेल

जीवनसाथी का व्यवसाय : कृषि एवं व्यापार से आय

संतान : 1 पुत्र 3 पुत्री

रोचक तथ्‍य

छत्तीसगढ़ में रमन सिंह के नेतृत्‍व वाली भाजपा को हराकर कांग्रेस को सत्ता में लाने में भूपेश बघेल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्‍व में कांग्रेस ने 90 में से 68 सीटें जीत कर पूर्ण बहुमत हासिल किया।

राजनीतिक घटनाक्रम

  • 2018 बघेल ने पाटन से एक बार फिर शानदार जीत दर्ज की। उन्‍होंने भाजपा के मोतीलाल साहू को 27477 वोटों से हराया। साथ ही उन्‍हें राज्‍य का मुख्‍यमंत्री चुना गया।
  • 2014 बघेल को छत्‍तीसगढ़ राज्‍य कांग्रेस का अध्‍यक्ष चुना गया।
  • 2013  के विधानसभा चुनावों में बघेल ने सफलतापूर्वक चुनाव लड़ा और फिर से पाटन के विधायक बने।
  • 2009 दुर्ग सीट से उन्‍होंने फिर से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन फिर हार गये।
  • 2008 लोकसभा की हार का असर विधानसभा चुनावों में दिखा और पाटन सीट भूपेश बघेल के हाथ से निकल गई। विधानसभा चुनाव हर गये।
  • 2004 में कांग्रेस के टिकट पर बघेल ने दुर्ग लोकसभा सीट से संसदीय चुनाव लड़ा, लेकिन हार गये।
  • 2003 के विधानसभा चुनावों में उन्‍होंने एक बार फिर पाटन से जीत दर्ज की। लेकिन कांग्रेस पार्टी चुनाव जीतने में विफल रही और बघेल छत्‍तीसगढ़ विधानसभा के उप विपक्षी नेता बने।
  • 2000 उन्‍हें मध्‍य प्रदेश राज्‍य सड़क यातायात कॉर्पोरेशन का चेयरमैन नियुक्‍त किया गया। मध्‍य प्रदेश से छत्तीसगढ़ के अलग होने के बाद बघेल छत्‍तीसगढ़ विधानसभा के सदस्‍य बने। साथ ही वे छत्‍तीसगढ़ के पहले राज्‍य कर, जन स्‍वास्‍थ्‍य, अभियांत्रिकी एवं राहत कार्य मंत्री बने।
  • 1999 दिसम्‍बर 1999 में उन्‍हें राज्‍यमंत्री से मंत्री बनाया गया और यातायात मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया।
  • 1998 वे पाटन सीट से पुन: विधायक चुने गये। इस बार उन्‍होंने भाजपा की निपूपमा चंद्राकर को हराया। इस जीत के बाद वे दिग्विजय सिंह की कैबिनेट में शामिल हुए और उन्‍होंने पब्लिक ग्रिवियांस मंत्रालय बतौर राज्‍य मंत्री संभाला। साथ ही उन्‍हें सीधे मुख्‍यमंत्री के साथ संबद्ध कर दिया गया। सभी बड़े फैसलों में उनकी राय ली जाने लगी।
  • 1994 उन्‍हें मध्‍य प्रदेश युवा कांग्रेस का उपाध्‍यक्ष चुना गया। वे इस पद पर एक वर्ष तक रहे।
  • 1993 बघेल ने अपना पहला विधानसभा चुनाव पाटन सीट से सफलतापूर्वक लड़ा और मध्‍य प्रदेश विधानसभा के सदस्‍य बने। उन्‍होंने बहुजन समाज पार्टी के केजूराम वर्मा को करीब 3400 वोटों से हराया।
  • 1990 वे युवा कांग्रेस के दुर्ग जिले के जिला अध्‍यक्ष बने। वे इस पद पर 1994 तक रहे।
  • 1985 उन्‍होंने युवा कांग्रेस की सदस्‍यता ग्रहण की।
  • 1980 भूपेश बघेल ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत अपने गुरु स्‍वर्गीय चंदूलाल चंद्रकर के सानिध्‍य में की।
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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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