छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय हुए दिव्य शिव महापुराण कथा के समापन समारोह में वर्चुअली शामिल

मधेश्वर धाम के विकास को मिलेंगे 10 करोड़, तीर्थ पर्यटन को मिलेगा नया आयाम

UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, जशपुर | श्रावण मास के पावन अवसर पर छत्तीसगढ़ में आस्था का अद्वितीय संगम देखने को मिला। जशपुर जिले के कुनकुरी विकासखंड अंतर्गत मयाली स्थित विश्व प्रसिद्ध प्राकृतिक शिवलिंग स्थल मधेश्वर धाम में चल रही सात दिवसीय दिव्य शिव महापुराण कथा का आज भव्य समापन हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय से ऑनलाइन माध्यम से श्रद्धालुओं को संबोधित किया।

मुख्यमंत्री ने महामधेश्वर धाम समिति को आयोजन की सफलता के लिए बधाई देते हुए कहा,

यह आयोजन श्रद्धा, संस्कृति और विकास का संगम है। मधेश्वर महादेव धाम को राज्य सरकार तीर्थ पर्यटन के मानचित्र पर वैश्विक स्तर तक ले जाएगी।

मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि मधेश्वर धाम के समग्र विकास के लिए केंद्र सरकार से ₹10 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। इस राशि से मंदिर परिसर, श्रद्धालु सुविधाओं, अधोसंरचना, पहुंच मार्ग और तीर्थ पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु कार्य किया जाएगा।

देवकीनंदन ठाकुर जी ने सुनाई अमृतमयी कथा

इस कथा आयोजन में अयोध्या से पधारे पूज्य देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने शिव महापुराण की व्याख्या की, जिसमें हजारों श्रद्धालु उपस्थित होकर अमृत वाणी का लाभ लिए। मुख्यमंत्री ने व्यासपीठ पर आसीन संतों को सादर नमन करते हुए सभी आयोजकों को धन्यवाद दिया।

छत्तीसगढ़ में शिव और शक्ति की महिमा का किया उल्लेख

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि—

“छत्तीसगढ़ की धरती शिव और शक्ति से ओतप्रोत है। यहाँ हर अंचल में महादेव विराजमान हैं।”

उन्होंने प्रदेश के प्रमुख शिवधामों का उल्लेख करते हुए कहा—

  • मधेश्वर पहाड़, मयाली (जशपुर)

  • बाबा भोरमदेव, कवर्धा

  • कुलेश्वर महादेव, राजिम

  • भूतेश्वर महादेव, गरियाबंद

  • लक्ष्मणेश्वर महादेव, खरौद

साथ ही उन्होंने बताया कि पाँच शक्तिपीठों— डोंगरगढ़ की बमलेश्वरी माता, रतनपुर की महामाया देवी, चंद्रहासिनी, दंतेश्वरी और अन्य देवियों के लिए शक्ति कॉरिडोर योजना प्रारंभ की गई है।

तीर्थयात्रियों के लिए योजनाएँ बनी वरदान

मुख्यमंत्री ने बताया कि

  • अब तक 22 हजार से अधिक श्रद्धालु श्रीरामलला दर्शन योजना के तहत अयोध्या धाम जाकर प्रभु श्रीराम के दर्शन कर चुके हैं।

  • मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना के अंतर्गत राज्य के वरिष्ठ नागरिकों को देश के 19 प्रमुख तीर्थ स्थलों के दर्शन कराए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार न केवल सांस्कृतिक विरासत को सहेज रही है, बल्कि उसे पर्यटन और आस्था के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित करने हेतु संकल्पबद्ध है।

समापन पर की प्रदेश की सुख-शांति की कामना

समारोह के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि एवं कल्याण की कामना करते हुए कहा

भोलेनाथ की कृपा प्रदेश पर सदैव बनी रहे। श्रद्धा, संस्कृति और विकास के समन्वय से छत्तीसगढ़ जल्द ही एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन गंतव्य बनेगा।

 


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