छत्तीसगढ़रायपुर

मुख्यमंत्री साय कल करेंगे ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ का शुभारंभ

UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “लैब टू लैण्ड” विजन को जमीन पर उतारते हुए छत्तीसगढ़ में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की शुरुआत बुधवार, 29 मई से होगी। इस महाअभियान का औपचारिक शुभारंभ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आरंग विधानसभा के भैंसा गांव से करेंगे। इस संबंध में राज्य के कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने मंगलवार को प्रेस को जानकारी दी।

कृषि मंत्री ने बताया कि यह अभियान ‘एक देश, एक कृषि, एक टीम’ की अवधारणा को मजबूती देगा और देशभर में कृषि क्षेत्र को एक साझा दिशा प्रदान करेगा। यह अभियान छत्तीसगढ़ के सभी 33 जिलों में चलेगा, जिसमें 100 दलों द्वारा 2,600 स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।


अभियान के उद्देश्य

इस अभियान का मुख्य फोकस खरीफ पूर्व तैयारी, किसानों में आधुनिक कृषि पद्धतियों की जागरूकता और सरकारी योजनाओं की जानकारी के प्रसार पर रहेगा। प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

  • खरीफ फसलों में आधुनिक तकनीकों की जानकारी देना

  • मृदा स्वास्थ्य कार्ड के उपयोग को प्रोत्साहन देना

  • रासायनिक उर्वरकों के विवेकपूर्ण उपयोग पर जागरूकता

  • प्राकृतिक एवं जैविक खेती को बढ़ावा देना

  • नवाचारों पर किसानों से फीडबैक लेकर अनुसंधान को दिशा देना

मैदानी कार्य और वैज्ञानिक सहभागिता

हर जिले में गठित 3 दलों में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR), कृषि विज्ञान केंद्रों (KVK), और राज्य के कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन व मछलीपालन विभागों के वैज्ञानिक और अधिकारी सम्मिलित रहेंगे। विशेष फोकस जनजातीय, आकांक्षी एवं भौगोलिक रूप से चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों पर रहेगा।

अभियान की निगरानी हेतु राज्य और जिला स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। राज्य स्तर पर संचालनालय कृषि में और जिला स्तर पर उप संचालक कृषि कार्यालय में यह निगरानी तंत्र काम करेगा।

प्रौद्योगिकी और नवाचार का समावेश

इस अभियान के दौरान कृषि ड्रोन द्वारा उर्वरक छिड़काव, लाइन सोइंग, डीएसआर तकनीक, पैडी ट्रांसप्लांटर, और बीबीएफ प्रणाली जैसी उन्नत तकनीकों का प्रदर्शन किया जाएगा। सूचना एवं प्रसार माध्यमों के ज़रिए किसानों को जागरूक किया जाएगा।

प्राकृतिक खेती, फसल विविधीकरण और जल संरक्षण को बढ़ावा

किसानों को प्राकृतिक एवं जैविक खेती अपनाने हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा। मृदा स्वास्थ्य बनाए रखने जैविक उर्वरकों का प्रयोग बढ़ाने पर जोर रहेगा। फसल चक्र परिवर्तन, जैसे— धान की जगह दलहन, तिलहन, मक्का एवं लघु धान्य फसलें अपनाने हेतु किसानों को प्रेरित किया जाएगा।

साथ ही, ड्रिप व स्प्रिंकलर सिंचाई, जल संरक्षण, और सरकारी योजनाओं की जानकारी देकर समग्र कृषि विकास सुनिश्चित किया जाएगा।

सीधे किसानों से संवाद का माध्यम बनेगा यह अभियान

यह अभियान केवल सरकारी कार्यक्रम न होकर किसानों से सीधे संवाद, तकनीक और योजना के तालमेल, और नीति निर्धारण के फीडबैक का एक नया मॉडल होगा, जिससे विकसित भारत के विकसित कृषि क्षेत्र का सपना साकार होगा।

 


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