
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पहली बार वर्ष 2005 में मुख्यमंत्री बने थे। इसके बाद वह लगातार कई बार सीएम बन जनता पर भरोसा जताते हैं। आपको बता दें कि सीएम शिवराज को संगीत में काफी दिलचस्पी है। इसके अलावा वे क्रिकेट और कबड्डी आदि खेलों को भी काफी पसंद करते हैं।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 29वें प्रदेश में सत्ता संभाल रहे हैं। बता दें कि शिवराज भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और आरएसएस के कार्यकर्ता भी हैं। शिवराज को मध्य प्रदेश की जनता से प्यार से मामा देशभी बुलाती है। 5 मार्च को शिवराज सिंह चौहान का किसान परिवार में जन्म हुआ था। यह आपके बचपन के दिनों से ही सामाजिक कार्यों और लोगों की सेवा में लग गए थे। वहीं नज़रिया जनता के लिए कई अहम जजमेंट के लिए हैं। शिवराज सिंह ने इस बार अपना जन्मदिन मनाकर मना कर दिया है। इस बार उन्होंने जनता से उपहार के तौर पर एक पेड़ लगाने की अपील की है। इस लेख के माध्यम से हम आपको शिवराज सिंह चौहान के जीवन से जुड़ी कुछ बातें बता रहे हैं।
जन्म और शिक्षा
मध्य प्रदेश के सिहोर जिले के जैतगांव में 5 मार्च 1959 को एक किसान परिवार में शिवराज सिंह चौहान का जन्म हुआ था। बता दें कि वह किरारा राजपूत के परिवार से ताल्लुक रखते हैं। शिवराज के पिता का नाम प्रेमसिंह चौहान और उनकी माता का नाम सुंदरबाई चौहान है। वर्ष 1975 में मॉडल हायरपासरी स्कूल में वह 16 वर्ष की आयु में छात्रसंघ की अध्यक्ष भी बनीं। उन्होंने भोपाल के बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र से स्वर्ण पदक के साथ अपना पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा किया।
शक
समुदाय से किसानों के घर में जन्म शिवराज सिंह चौहान को संगीत से काफी आकर्षक बनाता है। इसके अलावा उन्हें धार्मिक साहित्य और मित्रों के साथ वाद-विवाद में हिस्सा लेना पसंद है। साथ ही लेना, गाने और फिल्में देखना उनके मनोरंजन के साधन हैं। वहीं शिवराज का कबड्डी, क्रिकेट मैच में भी काफी रुचि है।
शादी
आपको जानकर हैरानी होगी कि शिवराज सिंह ने आधार शादी न करने की कसम खाई थी। वह आधार कुंवारे रहना चाहते हैं। लेकिन साल 1992 में धीना सिंह के साथ शादी की। शिवराज के दो बेटे हैं। बता दें कि उन्होंने राजनीति की ओर रुख करने से पहले आरएसएस के कार्यकर्ता के रूप में सेवा देना शुरू किया था। वह 13 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े थे।
आरएसएस कार्यकर्ता और राजनीति
शिवराज सिंह चौहान को अखिल भारतीय विद्यालय परिषद भोपाल का सचिव बनाया गया। इसके बाद उनके अच्छे कार्यों को देखते हुए वर्ष 1978 में ABVP मध्य प्रदेश के संयुक्त सचिव के पद की जिम्मेदारी सौंपी गई और फिर 1980 में महासचिव के रूप में काम किया गया। इस दौरान वह अपने कार्यों को पूरा लगन और मेहनत से करते हैं। इसी वजह से वह साल दर साल सफलता की सीढ़ी चढ़ते जा रहे थे। 1982 में शिवराज को राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया। वहीं शिवराज 1984 में बीजेपी में मध्य प्रदेश के युवा मोर्चा से पार्टी में शामिल हुए और 1 साल के अंदर ही उन्हें संयुक्त सचिव का पद सौंपा गया।
राजनीति कैरियर
बता दें कि साल 1990 में 31 साल की उम्र में शिवराज बुधनी निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा के लिए फिर गए थे। इस दौरान शिवराज को जनता का बहुत प्यार मिला था। विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस महासचिव को 22 हजार से अधिक मतों से हराया और पहली बार विधायक के तौर पर उन्हें जनता ने चुना। इसके 1 साल बाद 1994 में अटल बिहारी ने विदिशा निर्वाचित सीट से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद शिवराज विदिशा सीट से उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे। इस सीट पर भी शिवराज का जादू कायम रहा और सबसे कम उम्र के सांसदों में उनका नाम शामिल हो गया। जिसके बाद साल 1996 में शिवराज ने एक बार फिर विदिशा सीट से 11वीं सदी में सांसद के रूप में जीत हासिल की। इस दौरान केंद्र सरकार में इन्हें कई पदों की जिम्मेदारियां मिलीं।
शिवराज सिंह चौहान साल 1998 में 12वीं लोकसभा से फिर चुने गए। इस दौरान शहरी और ग्रामीण विकास समिति के सदस्यों की जिम्मेदारी पूरी की गई। अपने काम से शिवराज लोगों का दिल जीतते चले गए। शायद यही वजह रही कि उन्होंने साल 2004 में 13वीं सदी में लगातार 5वीं बार जीत हासिल की। जिसके बाद यह कृषि समिति के सदस्य बनाए गए। वर्ष 2005 में भाजपा ने शिवराज को पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त किया और नवंबर 2005 को वह पहली बार जनता के मुख्यमंत्री के तौर पर फिर गए। साल 2008 में जनता ने एक बार फिर उन पर अपना विश्वास जताते हुए सीएम पद के लिए चुने और शिवराज दूसरी बार बने।
इसके बाद 2013 में शिवराज ने लगातार तीसरी बार सीएम जनता का विश्वास जीता। शिवराज ने एक साथ सीएम पद की जिम्मेदारी को लंबे समय तक दिए जाने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया। हालांकि साल 2018 में शिवराज का तिलिस्म जनता के बीच टूट गया और उन्हें मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। लेकिन कहते हैं कि राजनीति में कोई कनेक्शन नहीं होता। राजनीतिक घटनाएं वहीं की वहीं सरकार अपनी साइटों को बचाने में विफल हो रही है। जिसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के विधायको के समर्थन से शिवराज ने नौकर के तौर पर पदभार ग्रहण किया।
रिकॉर्ड और उपलब्धियां
शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश में लंबे समय तक कार्यभार संभालने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है। उन्होंने जनता के लिए कई जन आंदोलन भी किए हैं। जिसके कारण उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा। वहीं मध्य प्रदेश की जनता के हित में कई जजमेंट हैं। वे चिकित्सा, बेटियों की शिक्षा और उनकी शादी के बारे में भी कई अहम फैसले लेते हैं।



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