
रामचरितमानस पर सीएम भूपेश बघेल: विशिष्ट में रामचरितमानस पर विवाद जारी है। इसी बीच छत्तीसगढ़ के भोपाल (भूपेश बघेल) ने रामचरितमानस पर समीक्षा कर दी। उन्होंने कहा कि रामायण में जो अच्छी चीज है, उसे ग्रहण कर लिजिए, जो आपको नहीं जमता, उसे छोड़ दीजिए। इसके अलावा भी बहुत सारी चीजें हैं। इतने बड़े ग्रंथों में एक चौपाई एक दोहा से कोई फर्क नहीं पड़ता। इस कंजेशन पर बीजेपी ने आपत्तिजनक है।
क्या सीएम ने कहा?
शुक्रवार को भोपाल भूपेश बघेल ने रायपुर हेलीपेड में रामचरित्रमानस पर हो विवाद रहे पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि राम को आप किस रूप में देखते हैं? मारा-मारा बोलेंगे तो आप राम बोल ही लेते हैं। कोई मरा-मरा बताता है, कोई राम-राम बताता है, क्या अंतर है। चाहे कोई विरोध में भी बात करे, फिर भी उनका नाम है। इसके आगे भूपेश बघेल ने रामायण पर विनोबा भावे की बातों को कोड करते हुए कहा कि किसी भी धर्म ग्रंथ के, किसी भी दर्शन को किसी समय लिखा गया है। आज के समय में आज की स्थिति में गुण विवेचन करना चाहिए। सूक्ष्म से सूक्ष्म तत्वों को विचार कर के ग्रहण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जस के तस ग्रहण करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
रामायण में जो अच्छी चीज है वह ग्रहण करें
भूपेश बघेल ने कहा कि 650 साल पहले रामायण लिखी गई थी। वाल्मीकि की रामायण तो और सबसे पहले लिखी गई। कई भाषाओं में रामायण की रचना हुई है। जैसा कि उसी प्रकार ग्रहण करने की आवश्यकता नहीं है, जो मूल तत्व है, उसका विवेचना ने अपने सूक्ष्म तत्वों को ग्रहण किया, आज आपके लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि जो ये विवाद कर रहे हैं, वो गलत है। रामायण में जो अच्छी है उसे ग्रहण कर लें, जो आपको नहीं जमता उसे छोड़ दें। इसके अलावा भी बहुत सारी चीजें हैं। उन्होंने कहा कि इतने बड़े ग्रंथों में एक चौपाया एक दोहा से कोई दूरी नहीं है। महाभारत लिखा है, वेद लिखा है, उपनिषद लिखा है, गीता उसका मूल तत्व ग्रहण है। हर किसी के लिए हर बात सही नहीं हो सकती। सूची ने उदाहरण देते हुए कहा कि आप रोज़ाना के स्पाइस लाभ हैं, करेले की वेजिटेबल का कड़वापन किसी को पसंद नहीं आता है तो कोई करेले को बहुत पसंद करता है।
सीएम मांफी मांगें-बीजेसी
भोपाल भूपेश बघेल के बयानों पर बीजेपी ने आंखे मूंद ली है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि भूपेश बघेल कांग्रेसी चंचलता और संस्कृति के अनुसार रामायण की समीक्षा करने की बात देश करोड़ो सनातनियों की आस्था को बदनाम कर रहे हैं। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेसी सनातन संस्कृति के अपमान का एक भी मौका नहीं हैं। कांग्रेसी पहले काल्पनिक ही प्रभु श्रीराम के चरित्र को मानते हैं। अभी कुछ दिन पहले भूपेश बघेल ने साधु-संतों को चमत्कार ना दिखाते की नसीहत दी थी. अब वे रामायण की समीक्षा करने की आपत्तिजनक बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति के अपमान के लिए भूपेश बघेल देश से मांफी मांगें।
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