लेटेस्ट न्यूज़

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़

सुप्रीम कोर्ट: सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने एक अहम मामले के मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि दोष को फांसी या मृत्युदंड दिया जाना चाहिए, जब उसकी पूरी उम्मीदें और अधिकार खत्म हो जाएं। तीन जजों की पीठ पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस हेमा और जस्टिस पीएसी नरसिम्हा ने मंगलवार को एक दायित्व की जिम्मेदारी की गारंटी दी है या नहीं, यह निर्धारित करने वाली स्थूलता और क्या निश्चित रूप से इस बात की महत्वता पर जोर दिया।

21 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों के खंडपीठ ने सुंदरराजन नाम के शख्स की मौत की सजा घटाकर 20 साल कैद में काट दिया। सुंदरराजन को वर्ष 2009 में 7 साल के एक बच्चे का अपहरण कर उसकी हत्या करने के दोषी होने के कारण सजा-ए-मौत दी गई थी।

मामले पर सुनवाई करते हुए इस दौरान जस्टिस डी चंद्रचूड़, जस्टिस हिमावाई कोहली और जस्टिस पी एस नरसिम्हा की बेंच ने टिप्पणी की कि किसी भी आपराधिक कृत्य के दोष की सजा को कम करने वाले कारकों में घटना के आगे, या कैद की अवधि में जेल उसके आचरण या उसके आपराधिक इतिहास में शामिल होता है।

और पढ़ें: भोपाल को व्हाट्सएप पर मिली जान से मारने की धमकी, पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की

नवीनतम समाचार वीडियो देखें:

(function (d, s, id) {
var js, fjs = d.getElementsByTagName(s)[0];
if (d.getElementById(id)) return;
js = d.createElement(s); js.id = id;
js.src = “//connect.facebook.net/en_GB/sdk.js#xfbml=1&version=v2.6”;
fjs.parentNode.insertBefore(js, fjs);
}(document, ‘script’, ‘facebook-jssdk’));

Show More

Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
Back to top button

You cannot copy content of this page