मनेंद्रगढ़। आईटी और सोशल मीडिया के इस युग में छत्तीसगढ़ के कनेक्ट कनेक्ट में अंधविश्वासों की स्थिति यह है कि सरगुजा संभाग के मनेंद्रगढ़ में आकाशीय बिजली से मृत दो भाइयों को फिर से जिंदा करने वाले लोगों ने गोबर में गढ़ डाला। लोगों का आभास होता है कि आकाशीय बिजली से मौत होने पर गोबर में गाड़ने से मरा हुआ व्यक्ति जिंदा हो जाता है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के मनेन्द्रगढ़ ब्लाक के सोनवरा गांव के दो भाई आशीष टोप्पो और सियोन टोप्पो की मृत्यु आकाशीय बिजली की चपेट में आने से हुई थी। दोनों लाशों को जिंदा करने की उम्मीद से दोनों शवों को तुरंत घण्टे तक गोबर में पाट दिया गया। लेकिन फिर भी कोई हलचल जब दोनों शवों में नहीं हुई तो गोबर की कब्र से शवों को निकाला गया। पुलिस जब घटनास्थल पर पहुंचती है तो उस समय भी दोनों भाइयों के शव गोबर में गड़े हुए थे। पुलिस ने पंचनामा बनाया। बाद में उनका अंतिम संस्कार गांव मे ही कर दिया गया। गोबर की कब्र में जब शव डाला गया तो इस दौरान गांव वाले इस अंधविश्वास को भारी संख्या में जुटे।
आकाशीय बिजली की चपेट में आने से लोगों की मौत हो जाती है जिससे उनके शरीर पर गोबर का लेप लग जाता है या गोबर में गढ़ने का कुप्रथा काफी समय से चला आ रहा है। हालांकि इस प्रयोग से अब तक कभी सफलता नहीं मिलती। इसके बावजूद आकाशीय बिजली से मृत व्यक्ति को जिंदा करने के लिए उसके शरीर को गोबर में गढ़ दिया जाता है। ऐसा अक्सर क्षेत्रीय क्षेत्र में देखने को मिलता है।