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पर्यावरण संरक्षण में छत्तीसगढ़ की बड़ी छलांग, ‘प्रकृति परीक्षण अभियान’ को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर। छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा और सतत विकास को लेकर चलाया जा रहा “प्रकृति परीक्षण अभियान” बड़ी सफलता की ओर बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में इस अभियान ने न केवल राज्य में पर्यावरण संरक्षण को नया आयाम दिया, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं।

अभियान का मुख्य उद्देश्य

इस अभियान का मकसद वन संरक्षण, जल स्रोतों की शुद्धता, जैव विविधता की सुरक्षा और प्राकृतिक संसाधनों का सतत उपयोग सुनिश्चित करना है। स्थानीय समुदायों को जागरूक करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिससे लोगों की भागीदारी बढ़ी है।

राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ की उपलब्धि

  •  भारत सरकार के तत्वावधान में आयोजित इस अभियान में छत्तीसगढ़ ने देशभर में तीसरा स्थान प्राप्त किया।
  •  राज्य ने कुल प्रकृति परीक्षण मानकों में नौवें स्थान पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
  •  केंद्रीय आयुष मंत्री प्रताप राव जाधव ने छत्तीसगढ़ को प्रशस्ति पत्र और ट्रॉफी देकर सम्मानित किया।
  •  यह पुरस्कार मुंबई के जहांगीर भाभा थिएटर में आयोजित समापन समारोह में राज्य समन्वयक डॉ. संजय शुक्ला ने ग्रहण किया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस सफलता पर कहा,
“यह छत्तीसगढ़ की बढ़ती उत्कृष्टता का प्रमाण है, जिससे आयुष आधारित स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सशक्त किया जाएगा।”

अब तक की प्रमुख उपलब्धियां

  •  वृक्षारोपण अभियान: पिछले 6 महीनों में 50 लाख से अधिक पौधे लगाए गए।
  •  जल संरक्षण: 1000 से अधिक तालाबों और जल स्रोतों का पुनर्जीवन किया गया।
  •  जैव विविधता संरक्षण: नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में दुर्लभ वनस्पतियों और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए विशेष योजनाएं लागू की गईं।
  •  सामुदायिक भागीदारी: 5000 से अधिक स्वयंसेवी संगठन और पंचायतें अभियान से जुड़ीं।

छत्तीसगढ़ सरकार की प्रमुख पहलें

  •  आयुष आधारित स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार
  •  जैव विविधता के संरक्षण के लिए विशेष अभियान
  •  हसदेव, शिवनाथ और इंद्रावती नदियों की सफाई व जल गुणवत्ता परीक्षण
  •  वन्यजीव संरक्षण के लिए कैमरा ट्रैपिंग और जीपीएस ट्रैकिंग का उपयोग

जनभागीदारी से मिल रही सफलता

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा,
“प्रकृति परीक्षण अभियान केवल सरकार की योजना नहीं है, बल्कि यह जनता की सहभागिता से सफल हो रहा है। यदि हम इसी तरह सतत विकास की दिशा में आगे बढ़ते रहे, तो छत्तीसगढ़ जल्द ही देश का सबसे हरित और स्वच्छ राज्य बन सकता है।”

  •  ईको-टूरिज्म को बढ़ावा
  •  स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार के अवसर
  •  सौर ऊर्जा और बायोगैस संयंत्रों का विस्तार

आगे की राह

छत्तीसगढ़ सरकार ने इस अभियान को लंबे समय तक जारी रखने का निर्णय लिया है। अब राज्य के नागरिक निकटतम आयुर्वेद महाविद्यालय, जिला आयुर्वेद चिकित्सालय और आयुष विंग से संपर्क कर अपना प्रकृति परीक्षण करवा सकते हैं।

 छत्तीसगढ़ सरकार के प्रयासों से यह अभियान पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हो रहा है। आने वाले वर्षों में यह राज्य को हरित और स्वच्छ प्रदेश के रूप में स्थापित करेगा। 

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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