UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर। राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था और महिलाओं के साथ हो रहे अपराध के विरोध में महिला कांग्रेस ने मंगलवार को जंगी प्रदर्शन किया। गांधी मैदान में आयोजित आमसभा के बाद सीएम हाउस घेरने निकली महिला कांग्रेसियों ने बेरीकेड भी तोड़ दी। इस दौरान आगे बढ़ रही महिलाओं और महिला पुलिस के बीच जमकर झूमाझटकी भी हुई।
पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि प्रदेश में क्या दो कानून चल रहा है? एक जहां बिना जांच के एफआईआर हो जाता है और दूसरा कानून जहां एफआईआर कराने के लिए चौबीस घंटे धरने पर बैठना पड़ता है। उन्होंने सरकार से पूछा कि वे बाबा साहब अंबेडकर के संविधान को मानने वाले हैं कि नहीं। बैज ने कहा कि पुलिस प्रशासन को खुला छोड़ दिया जाए, ईमानदारी से काम करने दिया जाए तो कानून व्यवस्था और इस तरह की आपराधिक घटनाओं को चौबीस घंटे में रोका जा सकता है।
बढ़ रहा महिला उत्पीड़न: महंत नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि छत्तीसगढ़ में महिलाओं के साथ उत्पीड़न लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि महिला उत्पीड़न के 860 से भी ज्यादा मामले आ हो चुके हैं। हमारी महिला विधायक मिलने जाती हैं, उनको मिलने नहीं दिया जाता है। हम हमेशा महिलाओं को सम्मान करते आए हैं। जिस प्रकार से छत्तीसगढ़ में अपराध हो रहे हैं, ये बहुत ही गंभीर है।
हर घटना को दबाने में लगी है भाजपा सरकार: भूपेश पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि सरकार को कुछ समझ नही आ रहा कि क्या करें। हर मामले में सरकार विफल है। पूरे प्रदेश में महिलाओं, स्कूली छात्राओं के साथ अनाचार की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि सरकार ऐसे मामलों को दबाने तथा आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही है।
महिलाओं का मान-सम्मान बचाने उतरे सड़क पर: नेताम महिला कांग्रेस अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद फूलोदेवी नेताम ने कहा कि महिलाओं के मान-सम्मान के लिए, छत्तीसगढ़ के अस्तित्व को बचाने के लिए हम सड़क में उतरे हैं। छत्तीसगढ़ में अनाचार की रोज तीन-चार घटनाएं सामने आ रही हैं। सरकार महिलाओं, बच्चों के बारे में बिल्कुल नहीं सोचती।
कांग्रेस नेत्रियां पहले अपनी पार्टी की नेत्रियों को सम्मान दिलाएं: भाजपा महिला कांग्रेस के प्रदर्शन पर भाजपा सांसद रूपकुमारी चौधरी, महिला मोर्चा की अध्यक्ष शालिनी राजपूत और विधायक भावना बोहरा ने कहा कि जो महिला कांग्रेस अपनी पार्टी की महिला नेत्रियों के साथ हुए दुर्व्यवहार, अपमान के मामले में गूंगी गुड़िया बनी बैठी रही, आज महिला सुरक्षा और न्याय के नाम पर किस मुंह से सवाल कर रही हैं? महिला कांग्रेस पहले अपनी पीड़ित, अपमानित साथी नेत्रियों को सम्मान, सुरक्षा और न्याय दिलाने का नैतिक साहस दिखाए अन्यथा उसके ये सारे घेराव-आंदोलन सियासी ढोंग और बेमानी ही साबित होंगे।
महिला सुरक्षा के मामले में कुछ भी बोलने की नैतिकता अब कांग्रेस में कतई शेष नहीं रह गई है। महिला कांग्रेस के इसी रवैये के कारण कांग्रेस के नेता और पदाधिकारी महिलाओं का शोषण करने का दुष्साहस करते हैं।