
UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर । छत्तीसगढ़ में व्यापम द्वारा 27 जुलाई को आयोजित आबकारी आरक्षक भर्ती परीक्षा अब राजनीतिक घमासान और युवाओं के आक्रोश का विषय बन गई है। आम आदमी पार्टी की युवा इकाई और एसोसिएशन ऑफ स्टूडेंट्स फॉर अल्टरनेटिव पॉलिटिक्स (ASAP) ने प्रदेश सरकार पर परीक्षा प्रक्रिया में लापरवाही और भेदभावपूर्ण नियमों के चलते हजारों युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है।
“परीक्षा के नाम पर युवाओं का शोषण” – अरुण नायर
आप युवा विंग के प्रदेश अध्यक्ष अरुण नायर ने कहा कि यह स्पष्ट हो गया है कि प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार देने में असफल रही है। उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस शासनकाल में हुई आबकारी आरक्षक परीक्षा में लगभग 15,000 अभ्यर्थी सफल हुए थे, परंतु न्यायालय के स्थगन आदेश के बाद भी सरकार ने उस प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया और नई भर्ती निकाल दी। उन्होंने पूछा – “पुराने सफल अभ्यर्थियों के भविष्य का क्या?”
“कपड़ों से तय हो रहा पात्रता?” – आदित्य मिश्रा का आरोप
ASAP के प्रदेश अध्यक्ष आदित्य मिश्रा ने परीक्षा केंद्रों पर नियमों के कठोर पालन को लेकर सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “अब नौजवान के कपड़े तय करेंगे कि वह परीक्षा देगा या नहीं?” मिश्रा ने बताया कि एक आदिवासी महिला, जो 400 किमी दूर से खादी की साड़ी पहनकर परीक्षा देने आई थी, उसे परीक्षा केंद्र से लौटा दिया गया। पुरुष अभ्यर्थियों को फुल शर्ट के बजाय हाफ शर्ट पहनने का दबाव डाला गया – वो भी उस दिन जब अधिकांश दुकानों पर रविवार की बंदी थी।
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि गाइडलाइन परीक्षा से मात्र दो दिन पहले ही अखबार में क्यों छापी गई और एडमिट कार्ड में दी गई जानकारी इतनी अस्पष्ट क्यों थी? मिश्रा ने कहा कि कई केंद्रों में 10:30 बजे ही प्रवेश बंद कर दिया गया, जबकि एडमिट कार्ड में 10:45 तक पहुंचने का समय अंकित था।
“10000 से अधिक अभ्यर्थी हुए वंचित” – ASAP
ASAP के पदाधिकारियों अन्यतम शुक्ला, हेमंत टंडन और बलवंत सिंह ने आरोप लगाया कि राज्य में लगभग 10,000 ऐसे अभ्यर्थी रहे जो परीक्षा केंद्र की मनमानी के कारण परीक्षा नहीं दे सके। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि युवाओं के भविष्य के साथ गंभीर खिलवाड़ है।
“फिर से करवाई जाए परीक्षा” – युवाओं की मांग
AAP और ASAP दोनों संगठनों ने मांग की है कि राज्य सरकार युवाओं के भविष्य को देखते हुए इस परीक्षा को दोबारा आयोजित करे। सोशल मीडिया पर भी युवाओं का गुस्सा फूट पड़ा है, और “#व्यापम_विफल” और “#भर्ती_दोबारा_करवाओ” जैसे ट्रेंड्स देखने को मिल रहे हैं।
भाजपा सरकार पर तीखा हमला
आम आदमी पार्टी ने सीधे भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। अरुण नायर ने कहा – “प्रदेश की भाजपा सरकार युवाओं को केवल झुनझुना पकड़ा रही है। रोजगार और पारदर्शिता के नाम पर सिर्फ राजनीति हो रही है।” ASAP ने भी चेतावनी दी है कि आगामी विधानसभा चुनाव में युवा इस धोखे का जवाब जरूर देंगे।
यह पूरा घटनाक्रम छत्तीसगढ़ के युवा वर्ग में गहराते असंतोष की झलक देता है। बेरोजगारी एक गंभीर मुद्दा है, और अगर परीक्षा व्यवस्थाएं पारदर्शी नहीं रहीं, तो सरकार को राजनीतिक और नैतिक दोनों स्तरों पर इसका जवाब देना होगा।
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