UNITED NEWS OF ASIA. असीम पाल, दंतेवाड़ा। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद शंकर नगर रायपुर के निर्देशानुसार जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) दंतेवाड़ा के कुशल नेतृत्व में प्राथमिक शालाओं मंभ बच्चों के बुनियादी साक्षरता व संख्या ज्ञान की दक्षता हासिल करने के लिए बलैडडेड मोड में प्रशिक्षण संपन्न किया गया है।
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य शैलेष कुमार सिंह ने उक्त प्रशिक्षण के संबंध में बताया है कि सर्वप्रथम डी.आर.जी. (मास्टर ट्रेनर्स) एफ.एल.एन. का 04 दिवसीय प्रशिक्षण जिला ग्रंथालय दन्तेवाड़ा में आयोजित हुए जिसमें प्रत्येक विकासखण्ड से 09 कुल 36 मास्टर ट्रेनसों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रत्येक विकास खण्ड के प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनरों के द्वारा प्राथमिक शाला के सभी शिक्षकों का ऑनलाइन प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। तत्पश्चात एससीईआरटी रायपुर से प्राप्त लक्ष्य 957 कक्षा 03 तक अध्यापन कराने वाले प्राथमिक शाला के शिक्षकों का ऑफलाईन 04 दिवसीय प्रशिक्षण विकासखण्ड को 03 जोनों में विभक्त कर प्रशिक्षण संपन्न किया गया।
एफ.एल.एन. प्रशिक्षण प्रभारी संदीप सामन्त ने बताया इस कार्यक्रम में अंजनी मंडावी, शिल्पा चौहान, रायल निषाद, राजकारी मण्डावी, शिवकुमार गुप्ता एवं रामकुमार जैन ने मास्टर ट्रेनर्स की भूमिका निभाई। इस प्रशिक्षण में निपुण भारत कार्यक्रम अंतर्गत बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान की दक्षता हासिल करना इस प्रशिक्षण का लक्ष्य है। जिसके लिये शिक्षकों को इस प्रशिक्षण के माध्यम से तैयार किया जा रहा है।
प्रशिक्षण में 21वीं सदी के कौशल नवाजतन अंतर्गत 60 एवं 07 तरीकों को ध्यान में रखकर बच्चों को अध्यापन कराते हुए निर्धारित लक्ष्य को हासिल करना. एफ.एल.एन के उद्देश्य, कालखण्डों का निर्धारण, डिकोडिंग, संतुलित भाषा शिक्षण पद्धति, चित्रों पर चर्चा, मातृभाषा शिक्षण का महत्व एवं आधारभूत गणित दक्षताएं विकसित करने के लिए विभिन्न गतिविधि, पुस्तकालय का महत्व, आवश्यकता रखरखाव बच्चों का स्तर के अनुरूप सीखने-सिखाने के तरीके के साथ-साथ बच्चों में भावनात्मक विकास पर जोर दिया गया है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल आयोजित करने में जिला शिक्षा अधिकारी सोहन कुमार अम्बस्ट, डी. एम.सी. श्यामलाल शोरी, खण्ड स्त्रोत समन्वयकों टी.आर. जुर्री, एम. कश्यप, जितेन्द्र चौहान, हीरालाल ओयामी, ए.बी.ई.ओ. रावटे, डाइट के अकादमिक सदस्यों पी.एल. साहू, संतोष कुमार मिश्र, सुशांत कुण्डु के द्वारा निरंतर मॉनिटरिंग किया गया एवं संकुल समन्वयकों लालूराम प्रधान, रमेश साहू, शंकर चौधरी, नरेश साहू, लब तारम का विशेष योगदान रहा है।