छत्तीसगढ़महासमुंद

Chhattisgarh : दलहन और तिलहन फसल की खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विज्ञान केंन्द्र द्वारा किसानों को दी गई ट्रेनिंग

UNITED NEWS OF ASIA. महासमुंद। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय कृषि विज्ञान केंन्द्र महासमुंद व रिलायंस फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में कृषि विज्ञान केंन्द्र द्वारा तिलहन फसल की खेती को बढ़ावा देने के लिए चयनित ग्राम गुडरूडीह, पिरदा एवं लहंगर के किसानों को प्रशिक्षण दिया गया।

कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि प्रसार वैज्ञानिक डॉ. रजनी आगशे  ने केंद्र के कार्यों की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि दलहन और तिलहन पर हम अन्य राज्यों पर निर्भर है इन फसलों का रकबा हमें बढ़ाना ही होगा तभी हम आत्मनिर्भर हो पायेंगे। सरसों और मूंगफली जैसे तिलहन खाद्य तेलों के उत्पादन के लिये महत्वपूर्ण है।

इन फसलों की खेती से पानी और लागत में बचत होती है। अन्य फसलों की तुलना में तिलहन आमतौर पर अधिक सूखा प्रतिरोधी होते है। यह उन्हे अर्द्ध शुष्क क्षेत्रों और अनियमित वर्षा की स्थिति में खेती के लिये उपयुक्त बनाता है, जो जलवायु परिवर्तन के कारण आम होता जा रहा है।

सस्य विज्ञान के वैज्ञानिक  डॉ. निर्झरिणी नन्देहा के द्वारा मूंगफली की प्रमुख किस्में, भूमि का चयन, भूमि की तैयारी, बुवाई हेतु बीज तैयार करना, बुवाई का तरीका, बुवाई हेतु नयी मशीन के उपयोग पर चर्चा कर, प्रमुख कीट व बीमारियां आदि की जानकारी किसानों को विस्तृत रूप से दी। कृषक प्रशिक्षण का संचालन प्रोजेक्ट मैनेजर संतोष कुमार सिंह ने किया। कार्यक्रम में उप सरपंच परमेश्वर ध्रुव व बड़ी संख्या में कृषक गण मौजूद थे।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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