मामला तूल पकड़ता देख कार्यवाही संचालित कर रहे महामंत्री अजय भसीन ने बैठक स्थगित करने की घोषणा कर दी। मंच पर बैठे अध्यक्ष अमर पारवानी समेत तमाम पदाधिकारी तत्काल हॉल से बाहर निकल गए। हालांकि इसे पहले दो महत्वपूर्ण फैसलों पर जरूर मुहर लग गई। पहला, चैंबर का चुनाव कराने के लिए शिवराज भंसाली की मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पद पर नियुक्ति और दूसरा चैंबर के लगभग एक दर्जन कर्मचारियों के वेतन में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी। बैठक शांतिपूर्ण माहौल में दोपहर 12 बजे शुरू हुई।
चैंबर अध्यक्ष पारवानी ने कामकाज का ब्योरा पेश करने के बाद जैसे संविधान संशोधन की जानकारी दी तो एकता पैनल की ओर से छत्तीसगढ़ मोबाइल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश वासवानी ने उन्हें टोका।
बैठक का संचालन कर रहे महामंत्री भसीन ने जवाब देना चाहा तो वासवानी ने पारवानी से सफाई मांगी। तभी वासवानी के समर्थन में छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल उठकर बोले- चुनाव के बाद सभी व्यापारी एक परिवार का हिस्सा होते हैं। लेकिन, हमें पिछले तीन साल में कभी भी ‘परिवार के सदस्य’ होने का अहसास नहीं हुआ।
इसी दौरान एकता पैनल के सदस्य मंच पर कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव के करीब पहुंच गए। तब पारवानी खेमा भी नारेबाजी करता हुआ मंच के पास आ गया। रायगढ़ के सुशील रामदास अग्रवाल ने नए सदस्यों को प्रमाण पत्र नहीं मिलने का मुद्दा उठाया लेकिन उनकी आवाज शोर शराबे में डूब गई। अपराह्न दो बजे एकता पैनल के सदस्य चैंबर भवन से निकलने लगे तब भी सत्ता पक्ष ‘जय व्यापार’ के नारे लगाता रहा।
चुनाव संचालन टीम की घोषणा जल्द : भंसाली
मुख्य निर्वाचन अधिकारी शिवराज भंसाली ने कहा कि वे जल्द ही चुनाव संचालन करने वाली टीम घोषित करेंगे। इस बार सदस्य संख्या 26 हजार से अधिक है। इसलिए 10 से अधिक सहायक चुनाव पदाधिकारियों की जरूरत होगी। चैंबर अध्यक्ष अमर पारवानी ने कहा कि चुनाव अधिकारी की नियुक्ति हो गई है। हंगामा करने के बजाए मैदान में उतर कर मुकाबला करना चाहिए।