UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर | पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की बनाई पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) का कांग्रेस में विलय हो सकता है। पार्टी की सुप्रीमो रेणु जोगी ने इसके लिए पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज को पत्र लिखकर पार्टी में शामिल होने और जेसीसीजे के विलय की इच्छा जताई है। हालांकि पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव इसके पक्ष में नहीं है।
जोगी परिवार की कांग्रेस में वापसी हो सकती है। इसके बाद 18 दिसंबर को रेणु जोगी ने दीपक बैज को कांग्रेस में शामिल होने के लिए पत्र लिखा है।
रेणु जोगी के इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि जेसीसीजे, कांग्रेस विचारधारा की पार्टी है और कोर कमेटी ने सर्वसम्मति से ये फैसला लिया है कि जेसीसीजे का अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में विलय कर दिया जाए। पत्र में रेणु जोगी के अलावा अमित जोगी के भी हस्ताक्षर हैं।
अंतागढ़ उपचुनाव के बाद अजीत और अमित जोगी ने छोड़ी थी कांग्रेस
साल 2014 में हुए बस्तर के अंतागढ़ उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार को चुनाव मैदान से हटाने के लिए कथित सौदेबाजी का एक ऑडियो क्लिप वायरल हुआ था। इसमें अजीत और अमित जोगी के शामिल होने के आरोप लगे थे।
इसके बाद साल 2016 में कांग्रेसने अमित जोगी को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया जबकि अजीत जोगी को नोटिस दिया गया था। इसके बाद अजीत और अमित जोगी ने नई पार्टी बनाने की कवायद शुरू कर दी।
अजीत जोगी ने बनाई थी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) पार्टी
21 जून 2016 को छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ नाम से खुद की पार्टी बनाने का ऐलान किया था। जोगी की लोकप्रियता की वजह से ये माना जा रहा था कि प्रदेश में सरकार बनाने में जोगी कांग्रेस की निर्णायक भूमिका होगी।
पार्टी बनने के बाद भी रेणु जोगी काफी समय तक कांग्रेस में रहीं लेकिन 2018 के चुनाव में उन्होंने कोटा विधानसभा से जेसीसीजे से ही चुनाव लड़ा।
इस चुनाव में उनकी पार्टी ने बसपा के साथ गठबंधन कर विधानसभा चुनाव लड़ा था लेकिन उनकी परंपरागत सीट मरवाही और कोटा से उनकी पत्नी रेणु जोगी के अलावा पार्टी के 3 और उम्मीदवार ही जीत पाए। उनकी बहु ऋचा जोगी भी चुनाव हार गईं। इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि जोगी कांग्रेस का फिर से कांग्रेस में विलय हो सकता है लेकिन अजीत जोगी के जीवित रहते तक ये केवल कयास ही बने रहे।
जोगी के निधन के बाद पार्टी से टूटते गए लोग
29 मई 2020 को अजीत जोगी का निधन होने के बाद पार्टी के कई नेताओं ने किनारा करना शुरू कर दिया पार्टी लगभग हाशिए पर आ गई। सीनियर लीडर्स के प्रति अमित जोगी का व्यवहार अच्छा नहीं होने की बात कहते हुए धर्मजीत सिंह ने पार्टी छोड़ी और 2023 के चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हो गए। इसके अलावा बचे पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी लगातार टूटते गए।
2023 में सभी सीटों पर प्रत्याशी नहीं खड़ा कर पाई जेसीसीजे
साल 2023 के चुनाव में पार्टी की स्थिति इतनी खराब हो गई कि सभी 90 सीटों में जेसीसीजे अपना उम्मीदवार तक खड़ा नहीं कर पाई। पार्टी के अध्यक्ष अमित जोगी पाटन से भूपेश बघेल के खिलाफ चुनाव लड़ने गए लेकिन अमित को महज 4822 वोट ही मिले।
उपचुनाव से पहले चरणदास महंत से हुई थी मुलाकात
रायपुर दक्षिण के उपचुनाव से पहले अमित और रेणु जोगी ने नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत से मुलाकात की थी। सूत्रों के मुताबिक इस दौरान कांग्रेस वापसी की भी चर्चा हुई थी। जेसीसीजे ने दक्षिण उपचुनाव में कांग्रेस को निशर्त समर्थन देने का ऐलान किया था। हालांकि इस समर्थन का कोई फायदा कांग्रेस को नहीं मिला।
कांग्रेस के बागियों ने भी लगाया अप्रोच
कांग्रेस से बागी होकर चुनाव लड़ने वाले भी पार्टी में वापसी चाहते हैं। हार के बाद ऐसे नेताओं की पार्टी में वापसी की कोशिशें लगातार जारी है। इसके लिए कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं तक अप्रोच लगा चुके हैं। कमेटी बनाए जाने से उनकी वापसी का रास्ता खुल सकता है।
पार्टी ने जिन नेताओं को निष्कासित किया था, उन्होंने पार्टी में फिर से शामिल होने का आवेदन संगठन को दिया है। इसमें कई नेताओं ने लिखित माफी भी मांगी है। हार के बाद कई नेता पार्टी में शामिल होने के लिए अप्रोच लगा रहे थे।
अब ये आवेदन कमेटी के पास जाएंगे और फिर कमेटी आवेदनों की जांच कर अपनी टिप्पणी देंगे। फिर ये रिपोर्ट प्रदेश प्रभारी के पास जाएगी और पार्टी में वापसी का फैसला लिया जाएगा।