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Chhattisgarh : दूसरा दिन भी रहा हंगामेदार, पक्ष-विपक्ष के बीच कई मुद्दों पर तीखी नोकझोंक

UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर।  कांग्रेस विधायक अनिला भेड़िया ने सदन में ध्यानाकर्षण के तहत रेडी टू ईट सप्लाई बंद होने और कुपोषण का मामला उठाया। भेड़िया ने कहा कि बीज निगम को सरकार ने 162 करोड़ रुपए का पेमेंट नहीं किया, इसलिए प्रदेश में रेडी टू ईट की सप्लाई डेढ महीने तक प्रभावित रही। जवाब में महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी रजवाड़े ने स्वीकारा कि कुछ जगहों पर रेडी टू ईट की सप्लाई प्रभावित हुई थी। अब यह व्यवस्था सही कर दी गई है।

कारण पूछने पर राजवाड़े ने जवाब दिया कि कुछ तकनीकी कारणों से सूरजपुर, कवर्धा और बस्तर में बाधित हुआ है। थोड़ा बहुत अवरोध आता है। अब उसे ठीक कर दिया गया है। इसके बाद भेड़िया ने उनसे पूछा कि आपने पिछली बार सदन में कहा था कि रेडी टू ईट की सप्लाई स्व सहायता समूह को दी जाएगी।

यह व्यवस्था कब से शुरू होने वाली है। मंत्री ने कहा कि जल्द ही। इस पर भूपेश बघेल ने पूछा कि समय सीमा बताइए। मंत्री ने जवाब दिया कि जल्द ही यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी। समयसीमा बताना संभव नहीं है। मंत्री के जवाब से नाराज होकर विपक्ष ने बहिर्गमन कर विरोध जताया। बता दे कि दैनिक भास्कर ने 4 जुलाई को 162 करोड़ का पेमेंट अटका, प्रदेश में रेडी टू ईट की सप्लाई एक महीने से बंद शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी।

कांग्रेस ने कहा- माफी मांगने तक चंद्राकर का बहिष्कार

मानसून सत्र के दूसरे दिन बलौदाबाजार हिंसा को लेकर फिर जमकर हंगामा हुआ। पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के आरोप के बाद कांग्रेस ने नाराजगी जताते हुए चंद्राकर से माफी मांगने की मांग की। इसे लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई। इसके कारण सदन की कार्यवाही भी रोकनी पड़ी। दरअसल चंद्राकर ने चर्चा के दौरान कहा कि बलौदाबाजार की घटना में कांग्रेस के दो विधायक शामिल थे। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आपत्ति जताई। कांग्रेस ने कहा कि जब तक अजय चंद्राकर विपक्ष से माफी नहीं मांगेंगे तब तक इस पूरे सत्र के दौरान उनके भाषणों का बहिष्कार करते हैं।

पांच ब्रिज के लिए फिर से निकाली गई निविदा

कांग्रेस विधायक कवासी लखमा ने पूछा कि बस्तर संभाग में 2020 से 2024 तक अब तक कितने ब्रिज निर्माण की स्वीकृति दी गई? पीडब्ल्यूडी मंत्री अरूण साव ने बताया कि इस अवधि में बस्तर संभाग में 95 ब्रिज निर्माण की स्वीकृति दी गई। 19 का काम पूरा हो चुका है। 5 ब्रिज फिर से निविदा निकाली जा रही है। ​​​​​​​

टी-शर्ट और टोपी खरीदी: खेल मंत्री ने की जांच की घोषणा​​​​​​​

भाजपा विधायक राजेश मूणत ने बिना टेंडर और कार्यादेश के टी-शर्ट व टोपी की खरीदी करने की ओर खेल मंत्री का ध्यान आकर्षित कराया। खेल मंत्री ने इस पूरे मामले की जांच की घोषणा की है। मूणत ने कहा कि 3.75 करोड़ रुपए की ख़रीदी बगैर निविदा के की गई है। उन्होंने पूछा कि राजीव मितान योजना के तहत रायपुर में राहुल गांधी के सम्मेलन में टी-शर्ट और टोपी की सप्लाई खेल विभाग द्वारा की गई थी या नहीं? इस पर खेल मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि विभागीय स्तर पर इसकी खरीदी नहीं की गई थी। गोल्डन मोमेंट संस्थान से किसी भी शासकीय प्रक्रिया द्वारा ख़रीदी नहीं की गई है, ना ही किसी तरह का भुगतान किया गया है। ​​​​​​​

भाजपा विधायक ने कहा- कांग्रेस सरकार में कोई भी बन गया था ठेकेदार
जल जीवन मिशन में गड़बड़ी का मुद्दा उठा। भाजपा विधायक धरम लाल कौशिक ने कहा कि इलेक्ट्रक्लोरीनेटर के संबंध में क्या-क्या शिकायत की गई है। बिल्हा विधानसभा में सिर्फ 10 फीसदी काम हुआ है। वहीं धर्मजीत सिंह ने कहा कि प्रदेश के सभी 90 विधानसभा में यह योजना दम तोड़ रही है। कांग्रेस सरकार में कोई भी ठेकेदार बन गया था। इसके जवाब में पीएचई मंत्री अरुण साव ने बताया कि प्रदेश में कुल 883 संस्थाओं का फर्म को पंजीकृत किया गया है। अनिमियता पाए जाने के बाद 79 संस्थाओं का पंजीयन निरस्त किया गया। कार्य में लापरवाही बरतने वाले 9 अधिकारी और कर्मचारी निलंबित किए गए।

सत्ता पक्ष के विधायक ने अपने ही मंत्री को घेरा
सत्तापक्ष के विधायक अनुज शर्मा ने उद्योग मंत्री से पूछा कि 2022 से जून 2024 तक सिलतरा में स्थापित कितने उद्योगों ने श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया है। उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने बताया कि 6 फैक्ट्रियों में स्वास्थ्य जांच शिविर नहीं लगाने की जानकारी मिली है, जिनके खिलाफ श्रम न्यायलय में परिवाद दायर किया गया है। ​अनुज ने बताया कि एक भी स्वास्थ्य शिविर नहीं लगा है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने उठाया पीएम आवास का मुद्दा
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन में प्रधानमंत्री आवास योजना(शहरी) का मुद्दा उठाया। उन्होंने पूछा कि 18 लाख आवास बनाने का जो विज्ञापन जारी हुआ है, क्या शहरी आवास इसमें शामिल है या नहीं? पीडब्ल्यूडी मंत्री अरुण साव ने बताया कि शहरी आवास 18 लाख आवास के भीतर ही है। भूपेश ने पूछा कि शहरों में कितने कच्चे मकान हैं तथा कितने का डीपीआर बनकर केंद्र को भेजा गया है। ​​​​​​​

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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