
UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर कोर्ट में सोमवार को रानू साहू और सौम्या चौरसिया की पेशी हुई। कोर्ट ने दोनों को फिर EOW की रिमांड पर भेज दिया है। निलंबित IAS रानू साहू और पूर्व CM भूपेश बघेल की उप सचिव रही सौम्या चौरसिया 3 जून तक फिर EOW पूछताछ करेगी।
दोनों निलंबित अफसर पहले भी 4 दिन की रिमांड पर थे। दूसरी ओर कोयला घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल में बंद सौम्या चौरसिया को हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली है। सौम्या की जमानत अर्जी पर हाईकोर्ट ने अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया है। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। केस की अगली सुनवाई ग्रीष्म कालीन अवकाश 10 जून के बाद होगी।
सौम्या चौरसिया की तरफ से पैरवी कर रहे एडवोकेट हर्षवर्धन परघनिया के साथ ही दिल्ली के सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट ने ऑनलाइन पैरवी की। उन्होंने सौम्या चौरसिया को अपने बच्चों की परवरिश के आधार पर जमानत मांगी है, लेकिन जस्टिस NK व्यास ने अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। साथ ही प्रवर्तन निदेशालय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
कोयला घोटाले के पैसों से कई जगह जमीन खरीदी
वहीं कोल घोटाला केस में EOW ने रानू साहू के भाई पीयूष साहू और रानू के भाई अनुराग चौरसिया से पूछताछ कर चुकी है। मिली जानकारी के EOW पीयूष से जमीन संबंधित दस्तावेजों को लेकर पूछताछ की है। EOW को इनपुट मिले थे कि कोयला घोटाले के पैसों से पीयूष साहू ने कई जगह जमीन और संपत्ति बनाई है।
2 दिसंबर 2022 से जेल में बंद है सौम्या चौरसिया
पिछली कांग्रेस सरकार में ताकतवर और प्रभावशाली अफसर रहीं सौम्या चौरसिया को कोयला घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED ने 2 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वे सेंट्रल जेल रायपुर में बंद हैं।
इससे पहले कोयला घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग केस में सुप्रीम कोर्ट ने सौम्या की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने गलत तथ्य पेश करने पर उन पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था।वही 16 अप्रैल को भी रायपुर के स्पेशल कोर्ट से सौम्या की याचिका खारिज हो गई थी।
समझें कि क्या है कोल स्कैम
- ED ने छत्तीसगढ़ में जांच के बाद 540 करोड़ के कोल लेवी स्कैम का खुलासा किया था। इसमें IAS रानू साहू के अलावा IAS समीर विश्नोई, सौम्या चौरसिया, जेडी माइनिंग एसएस नाग और कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को गिरफ्तार किया गया।
- इसके अलावा कांग्रेस नेता और कुछ कारोबारी भी ED की जांच के दायरे में रहे। इन लोगों से पूछताछ की गई है और इनके घरों से कुछ दस्तावेज भी जब्त किए गए। ED ने 540 करोड़ के अवैध कोल परिवहन का केस दर्ज कर जांच कर रही है।
- कोल परिवहन में कोयला एजेंसियों से प्रति टन 25 रुपए कमीशन वसूलने का आरोप है। ये वसूली सिंडीकेट करता था, सिंडिकेट के लोगों के नाम पर ही FIR हुई है।
- अब तक ED ने कोल स्केैम केस में 222 करोड़ की संपत्ति अटैच की गई है और इस पूरे मामले की जांच जारी है।
- ED के प्रतिवेदन के बाद ACB-EOW ने केस दर्ज किया था। वही EOW भी इस मामले में जांच कर रही है।
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