UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर | रायपुर राजस्थान का कुख्यात बगरिया गैंग ने रायपुर में डॉक्टर दंपती के घर से 10 लाख से ज्यादा की चोरी की है। इसमें 4 लाख 50 हजार रुपए कैश भी शामिल है। 4 आलमारियों समेत 7 ताले तोड़कर चोरी की थी। यह गैंग दिनदहाड़े घरों में घुसता है। पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
मामला डीडी नगर थाना क्षेत्र के सुंदर नगर का है। डॉ. उमेश चंद्र तिवारी ने डीडी नगर थाने में FIR दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने बताया कि वह बालाजी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर हैं। उनकी पत्नी भी डॉक्टर है। 9 नवंबर को सुबह 8:30 बजे दोनों पति-पत्नी घर पर ताला लगाकर अस्पताल चले गए।
शाम करीब 7 बजे दोनों वापस लौटे तो देखा कि घर के अंदर मेन गेट का ताला टूटा हुआ था। अंदर कमरे के दरवाजे का ताला भी टूटा हुआ था। घर के कमरों में रखी 4 अलमारियों और उसके लॉकर के ताले भी चोरों ने तोड़ दिए थे।
कमरे की लाइट जलता छोड़ा
डॉ. दंपती ने बताया कि लॉकर के अंदर रखे सोने-चांदी के करीब 120 ग्राम गहने चोरी हो गए थे, जिसमें सोने की चूड़ी, मंगल सूत्र, सिक्का, डायमंड की अंगूठी और चांदी की ज्वेलरी थी। उसके अलावा करीब साढ़े 4 लाख रुपए नगद भी था। दंपती ने डीडी नगर थाने में FIR दर्ज कराई।
मोबाइल घर पर छोड़कर आते हैं गैंग के मेंबर
पुलिस को शुरुआती जांच पड़ताल में बाहरी गैंग का अंदेशा हुआ। तो जांच एंटी क्राइम यूनिट के एक्सपर्ट अफसरों को सौंपी गईं। आसपास के सीसीटीवी कैमरे और चोरी के पैटर्न देखने पर राजस्थान अजमेर के आसपास के इलाकों के कुख्यात बगरिया गैंग पर शक हुआ।
पुलिस ने टीम राजस्थान भेजी और वहां लम्बी जांच पड़ताल पूछताछ के बाद तीन आरोपियों को अरेस्ट किया।
3 आरोपी हुए गिरफ्तार
पुलिस ने बताया कि आरोपियों में महावीर बगरिया, कैलाश बागरिया और अमित सोनी है। सभी केकड़ी अजमेर राजस्थान के रहने वाले हैं। हालांकि पुलिस को इन आरोपियों के पास से कोई बड़ा माल या रकम बरामद नहीं हुआ है।
इस मामले में अन्य आरोपी संजय बगरिया और महेंद्र बागरिया घटना के बाद से लगातार फरार चल रहे है। पुलिस इनकी तलाश कर रही है। इस पूरी जांच पड़ताल में डीडी नगर थाना प्रभारी शिवेंद्र राजपूत, ASI PR धर्मवंशी और एंटी क्राइम यूनिट से SI सतीश पुरिया और टीम शामिल थी।
कई राज्यों में है गैंग का खौफ
बगरिया गैंग राजस्थान का मूल रूप से रहने वाला है। यह अजमेर और आस-पास के इलाकों में काफी एक्टिव है। इस गैंग के मेंबर चोरी की वारदात करने से पहले रेकी करते है। कई बार वे कुछ सामान बेचने या भिखारी की भूमिका में कॉलोनियों में आते हैं।
बताया जा रहा है कि ये कॉलोनियों में घूमकर सूने घरों की तलाश करते हैं। जैसे ही इन्हें कोई टारगेट मिलता है, ये दिन में घर में घुस जाते हैं। फिर वारदात को अंजाम देकर शहर से निकल जाते हैं। यह गिरोह राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के सीमावर्ती जिलों और छत्तीसगढ़ में वारदात कर चुका है।