UNITED NEWS OF ASIA. बिलासपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के संरक्षा पुरस्कार पर इस बार संरक्षा निरीक्षक व ट्रेन चालक हकदार बने। संरक्षा निरीक्षक ने जहां चेन पुलिंग से ब्रिज में फंसी ट्रेन का परिचालन शुरू करने में अहम भूमिका निभाई। वहीं चालक ने मालगाड़ी को दुर्घटनाग्रस्त होने से बचाया। इस सजगता के लिए संरक्षा के दोनों प्रहरियों को जोन के महाप्रबंधक ने सम्मान देकर हौसला बढ़ाया। जीएम की मुखिया के हाथों पुरस्कार पाकर कर्मचारियों की खुशी का ठिकाना नहीं था।
रेल परिचालन में संरक्षा दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अधिकारी या कर्मचारी दोनों को इस पर बेहतर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। सजगता एवं बेहतर संरक्षा कार्य में सहभागिता निभाने वाले रेल संरक्षा के सजग कर्मचारियों का सम्मान हर माह आयोजित संरक्षा बैठक के दौरान किया जाता है। इस बार भी बैठक हुई और प्रधान कार्यालय एवं बिलासपुर रेल मंडल में कार्यरत संरक्षा श्रेणी के दोनों कर्मचारियों को उनके उत्कृष्ट एवं सराहनीय संरक्षा संबंधी कार्य निष्पादन के लिए महाप्रबंधक नीनू इटियेरा ने सम्मानित किया गया।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे प्रधान कार्यालय (संरक्षा विभाग) में कार्यरत रणजीत कुमार, संरक्षा निरीक्षक (यात्रिक) ने चार मई को इंटरसिटी एक्सप्रेस से आन ड्यूटी बिलासपुर वापस लौट रहे थे। निपनिया-दागोरी के बीच शिवनाथ नदी के ब्रिज पर एस-5 कोच में चेन पुलिंग होने के कारण ट्रेन अचानक खड़ी हो गई। ब्रिज पर खड़ी होने के कारण ट्रेन मैनेजर इस कोच तक पहुंच नहीं पा रहे थे।
क्योंकि, बीच में अनारक्षित कोच था। ट्रेन के ब्रिज पर खड़ी होने के कारण वहां एक असुरक्षा का वातावरण निर्मित हो गया था। इस परिस्थिति में रणजीत कुमार नें ट्रेन मैनेजर से मोबाइल से बात कर ब्रिज पर खड़े एक ग्रामीण की मदद से आन ड्यूटी ट्रेन मैनेजर से चेन पुलिंग रीसेट करने की चाबी मंगवाई एवं रीसेट होने के बाद ट्रेन को सुरक्षित बिलासपुर की ओर रवाना हुई।