
UNITED NEWS OF ASIA. जांजगीर-चांपा | फर्जी अंकसूची के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल करने के मामले में आरोपी रामकृष्ण राठौर को अदालत ने सश्रम कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई है। यह मामला 1984 का है, जब आरोपी ने मिनी माता हसदेव बांगो परियोजना में एलडीसी के पद पर नौकरी हासिल की थी, जबकि उसकी अंकसूची फर्जी थी।
2015 में आरटीआई के माध्यम से मामले का खुलासा हुआ, जब प्रार्थी जितेंद्र राठौर ने जानकारी मांगी और आरोपी ने विभाग में अपनी अंकसूची के गुम होने का दावा किया। बाद में यह पता चला कि आरोपी ने वह परीक्षा ही नहीं दी थी और अंकसूची भी शाला द्वारा जारी नहीं की गई थी।
पुलिस की जांच में आरोपी का झूठ सामने आया, जिसके बाद अदालत ने उसे 3-3 साल का सश्रम कारावास और 2 साल की सजा के साथ-साथ अर्थदंड भी लगाया। इस मामले में शासन की ओर से सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी एस. अग्रवाल ने पैरवी की और आरोपी को कड़ी सजा दिलवाने में सफलता प्राप्त की।
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