UNITED NEWS OF ASIA. बिलासपुर | बिलासपुर में व्यापारियों से 2 करोड़ रुपए की ठगी के आरोप को गुरुद्वारे के सेवादार ने साजिश बताया है। दैनिक भास्कर से चर्चा के दौरान गुरुद्वारे के मुख्य सेवादार ने बताया कि उन्होंने जर्जर गुरुद्वारे को सजाया, हजारों लोगों को जोड़ा लेकिन वर्चस्व की लड़ाई में संगत को तोड़ने की कोशिश की जा रही है।
दीवक केलवानी के मुताबिक शेयर बाजार में नुकसान होने पर पीड़ित परिवारों ने पहले प्लानिंग की। फिर सामाजिक बैठक बुलाकर पैसे वसूलने के लिए दबाव बनाया। इसके बाद भी बात नहीं बनी तो थाने में शिकायत की और गुरुद्वारे को टारगेट किया गया।
बता दें कि गुरुद्वारे के मुख्य सेवादार दीपक केलवानी पर भूत-प्रेत भगाने और शेयर बाजार में मुनाफे का लालच देकर कई व्यापारियों और उनके रिश्तेदारों ने पैसे वसूलने का आरोप लगाया है।
गुरुद्वारे से हजारों लोग जुड़े, 4-5 लोगों ने की शिकायत
दीपक केलवानी ने बताया कि गुरुद्वारे से हजारों लोग जुड़े हैं, जिनमें से महज चार, पांच लोगों ने उन पर अंधविश्वास और चमत्कार दिखाने के नाम पर ठगी करने का आरोप लगाया है। जबकि, ज्यादातर लोग उनके पक्ष में हैं।
सत्संग में चमत्कार दिखाकर ठगी का आरोप सेवादार दीपक केलवानी पर यह भी आरोप है कि उन्होंने लोगों को अपने वश में किया। जिसके बाद अलग-अलग लोगों से पैसों की वसूली करते रहे। शेयर बाजार में पैसे लगवाए और सारे पैसे शेयर बाजार में डूबने की बात कहकर धोखाधड़ी की।
इसके साथ ही पीला लिक्विड दिखाकर आत्मा को आजाद कराने के लिए 13 लाख रुपए लेने। एक हजार कंपनी के मालिक बनने की बात कहकर 7 लाख 13 हजार ले लिए। इसके साथ ही मछली को तालाब में छोड़ने के नाम पर 4 लाख 13 हजार लेना बताया गया।
मुख्य सेवाद्वार बोले- गुरुवाणी को चमत्कार और अंधविश्वास बताया
गुरुद्वारे के मुख्य सेवादार दीपक केलवानी ने दैनिक भास्कर को बताया कि चार-पांच साल पहले आया, तब छोटे से गुरुद्वारे से सेवा की शुरुआत की। जगह-जगह जाकर लोगों को संगत और गुरुवाणी से जोड़ा। इस दौरान लोगों को नाम जपाया।
मेरी सच्चाई जाननी है तो सब यही बताएंगे कि मैंने लोगों को गुरुनानक साहब के चरणों से जोड़ा और नाम जपने के फायदे बताए। इससे शारीरिक, मानसिक और आत्मिक अशांति दूर हो जाती है। लोगों को जिंदगी का असली मतलब बताया।
अब मुझ पर अंधविश्वास फैलाने, ठगी करने और जादू टोना करने का आरोप लगाया जा रहा है। इनमें केवल चार से पांच लोग हैं। जबकि, गुरुद्वारे से हजारों लोग जुड़े। इनमें अधिकांश लोग यही बताएंगे कि नाम जपने से क्या होता है। गुरुद्वारे पर ऐसे लोगों की नजर है, जिन्हें लगता है कि मैं बाहर से आया और गुरुनानक साहब ने पॉपुलर कर दिया। इसके पीछे वर्चस्व की लड़ाई है।
लोग चाहते हैं कि मैं इस जगह को छोड़कर चला जाऊं। जिन लोगों को नुकसान हुआ, उन्होंने आरोप मुझ पर मढ़ दिया। समाज में बदनाम करने के लिए सुनियोजित तरीके से मेरे नाम का उपयोग किया गया। जबकि, सच्चाई ये है कि मैंने आज तक किसी से एक रुपए की मांग नहीं की। पैसे वसूल करने के लिए मुझे टारगेट किया गया। मुझे संगत से दूर किया। ताकि, वो दबाव बनाकर पैसे वसूल कर सके।
कोरोना काल में लोगों को सत्संग से जोड़ा
चकरभाटा स्थित गुरुद्वारे में सेवा करने वाले ज्यादातर अनुयायी दीपक केलवानी पर ठगी करने जैसे आरोपों को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान गुरुद्वारा जर्जर स्थिति में था, तब उन्होंने यहां गुरुवाणी शुरू की और सत्संग किया। धीरे-धीरे सत्संग में लोगों की संख्या बढ़ने लगी।
वलेचा हाउस के संचालक ने गुरुद्वारे का निर्माण कराया। जो आज भव्य रूप ले लिया है। यहां सत्संग में केवल गुरु नानक साहब की गुरुवाणी बताए गए और लोगों पर आस्था जगाया। लेकिन, उन्होंने सत्संग में दीपक केलवानी ने कभी पैसा लगाने और चमत्कार करने जैसी बातें नहीं की।
गुरुद्वारे को झोपड़ी से बनाया ताजमहल
इधर, यह भी कहा जा रहा है कि जिन लोगों ने सेवादार पर आरोप लगाया है। उनमें से कुछ लोगों ने शेयर मार्केट में पैसे इन्वेस्ट किया है। जिसके बाद नुकसान हुआ, तब सेवादार पर पैसे वसूलने के आरोप लगाए। लेकिन, उनके पास पैसे के लेनदेन के कोई सबूत नहीं है। यही वजह है कि जब सेवादार पर ठगी के आरोप लगे, तब उनके बचाव में लोगों ने थाने का घेराव कर दिया था, जिसके बाद पुलिस ने भी मामले में कोई कार्रवाई नहीं की।
गोलू वाधवानी ने बताया कि सेवादार दीपक केलवानी ने कभी कोई पैसा नहीं लिया। प्रसाद भी अपने घर नहीं ले गए, जिस गुरुद्वारे में उन्होंने सत्संग शुरू किया वो आज झोपड़ी से ताजमहल जैसे बन गया है, जिससे वो लोगों की नजर में बड़े हो गए हैं। उन्हें गिराने के लिए इस तरह के गलत आरोप लगाए जा रहे हैं।
मरीजों की सेवा, जरूरतमंदों के लिए नानक रोटी
गुरुद्वारे के माध्यम से गुरु नानक देव के नाम से 300 लोगों के लिए नानक रोटी बनाई जाती है, जिसमें रोज सात हजार रुपए खर्च होता है। इसके माध्यम से जरूरतमंदों को खाना खिलाया जाता है। ब्लाइंड बच्चों के साथ ही ऐसे गरीब मरीज हैं, जिनकी सेवाएं की जाती हैं।
इनके लिए संसाधन जुटाए जाते हैं। गुरुनानक साहब की नजर में संगत को तोड़ना सबसे बड़ा अपराध है। अगर, उन्हें व्यक्तिगत समस्या थी तो उस मुद्दे को उठाना चाहिए था। लेकिन, उन्होंने संस्था को बदनाम करने का काम किया है।
पुलिस बोली- शेयर मार्केट में नुकसान है विवाद
सिविल लाइन CSP और प्रशिक्षु IPS निमितेश सिंह ने बताया कि गुरुद्वारे के सेवादार के खिलाफ ठगी औेर धोखाधड़ी की शिकायत है। जिसकी जांच में शेयर बाजार में पैसों का नुकसान होने की जानकारी मिली है। सीधे तौर पर सेवादार से कोई लेनदेन नहीं हुआ है। फिर भी पुलिस हर पहलुओं की जांच कर रही है।