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Chhattisgarh News : चचेरे भाइयों की चुनावी टक्कर: गीदम नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए साख की जंग

UNITED NEWS OF ASIA. जगदलपुर/दंतेवाड़ा | छ्त्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में गीदम नगर पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव बड़ा दिलचस्प है। यहां कांग्रेस के रविश सुरना और भाजपा के रजनीश सुरना दोनों चचेरे भाई चुनावी दंगल में भाग्य आजमाने उतरे हैं। ये दोनों भाई कभी बचपन में साथ मिलकर गिल्ली-डंडा खेले थे, अब चुनावी अखाड़े में एक दूसरे को पटखनी देने कमर कस लिए हैं।

दरअसल, गीदम नगर पंचायत सीट जिले की सबसे हाई प्रोफाइल सीट है। क्योंकि, भाजपा सिटिंग MLA चैतराम अटामी, भाजपा जिला अध्यक्ष संतोष गुप्ता, महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष ममता गुप्ता, भाजपा जिला अध्यक्ष संतोष गुप्ता, पूर्व जिला अध्यक्ष नवीन विश्वकर्मा, विजय तिवारी जैसे दिग्गज नेताओं का गढ़ है।

वहीं कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष विमल सुराना, शकील रिजवी जैसे बड़े लीडर्स भी यहीं रहते हैं। ऐसे में रविश और रजनीश के साथ-साथ इन नेताओं की भी साख दांव पर लगी है।

पहली बार चुनाव लड़ रहे रजनीश, अनुभवी हैं रविश

रजनीश सुराना का फैमली बैकग्राउंड राजनीति से जुड़ा हुआ है। उनकी मां स्व. राधा सुराना वार्ड पार्षद थीं। बड़े भाई मनीष सुराना जिला पंचायत उपाध्यक्ष रहे हैं। जबकि, भाभी हारम पारा की सरपंच हैं। वहीं रजनीश खुद गीदम व्यापारी संघ के अध्यक्ष रहे हैं। अब नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए खड़े हुए हैं।

कांग्रेस प्रत्याशी रविश सुरना अध्यक्ष पद के लिए निर्दलीय चुनाव लड़ चुके थे। इन्होंने कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशियों को जोरदार टक्कर दी थी। वे चुनाव तो हार गए थे लेकिन उन्होंने कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशियों का समीकरण बिगाड़ दिया था। वे तीसरे पोजिशन पर थे।वहीं पिछले चुनाव में कांग्रेस ने उनकी पत्नी साक्षी रविश सुराना को चुनावी मैदान में उतारा था।

साक्षी अध्यक्ष थीं

पार्षदों का समर्थन पाकर साक्षी अध्यक्ष बनीं। वहीं इस बार सामान्य सीट आई तो कांग्रेस ने रविश पर भरोसा जताया। वे दोबारा भाग्य आजमाने चुनावी अखाड़े में उतर गए हैं। इनका सीधा मुकाबला खुद के भाई से है। हालांकि, रविश को चुनाव का अनुभव भी है।

बटेंगे पारिवारिक वोट

गीदम नगर पंचायत क्षेत्र में सुराना फैमिली और समाज के वोटर्स काफी अधिक हैं। वहीं एक ही परिवार से अलग-अलग पार्टी से दो कैंडिडेट खड़े हो गए हैं। ऐसे में सामाजिक और पारिवारिक वोटर्स के वोट भी बटेंगे। परिवार और समाज के वोटर्स के साथ ही ये अब अन्य वर्गों के वोटर्स को साधने में लगे हुए हैं।

निर्दलीय प्रत्याशी बिगाड़ सकते हैं समीकरण

गीदम नगर पंचायत में प्लेसमेंट कर्मचारी सफाई दरोगा देवी शंकर सैनी (लाला) भी चुनावी मैदान में भाग्य आजमाने उतरे हैं। वे साल 2008 से नगर पंचायत में कार्यरत हैं। लेकिन अब अध्यक्ष पद के लिए निर्दलीय फॉर्म भर दिया है। यदि लाला को भी अच्छे खासे वोट पड़ेंगे तो कांग्रेस और भाजपा का समीकरण बिगड़ सकता है और दोनों के बीच कांटे का मुकाबला हो सकता है।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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