बीजापुर समाचार: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में पुलिस कैंप के विरोध में आंदोलन पर बैठे बयान से पुलिस द्वारा प्रभावित होने के बाद अब यह मामला तुल पकड़ता दिख रहा है। पुलिस द्वारा प्रभावित और पुलिस कैंप के विरोध में 11 जनवरी को बुर्जी-पुसनर में लगभग 20 गांवों के हजारों ग्रामीण बड़े आंदोलन कर रहे हैं। बाटा इसके लिए अपने साथ घर के बर्तन भी रखने के लिए हैं। बताया जा रहा है कि यह आंदोलन काफी बड़े स्तर पर चलने वाले हैं। इसलिए 2 दिन पहले ही 20 गांवों के सैकड़ों ग्रामीण अपने साथ घरों के सामान और बर्तन लेकर धरण स्थल के लिए निकल पड़े हैं।
हालांकि, इस बीच आंदोलन के लिए धरना स्थल पर जा रहे दावों की पिटाई की भी खबरें आ रही हैं। बताया जाता है कि आंदोलन के लिए पहुंचे तर्क से पुलिस की कुछ शर्तों ने प्रभावित किया और उन्हें धरना स्थल से भी वात्सल्य की कोशिश की। साइट के आंदोलन स्थल ही पुलिस भी आंदोलन स्थल पर पहुंच गई थी और वहां पहुंचे आंदोलनकारियों को विनाश दिया। अब भी धरना स्थल पर पुलिस के जवान बेटे हो रहे हैं।
पुलिस पर आघात का आरोप
पुन्नार के कथन में बताया गया है कि कुछ सप्ताह पहले बुर्जी और पुन्नार में नया पुलिस अभियान खोला गया था, जिसके विरोध में ग्रामीण लगातार आंदोलन कर रहे थे, क्योंकि यह शिविर बिना ग्राम सभा से अनुमति के लिए खोला गया है। तय किए गए आरोपों ने आरोप लगाया कि कुछ दिन पहले आंदोलन स्थल पर पुलिस के पहले रात को पहुंचे और उनके तांत ने फैसला दिया और ग्रामीणो से बुरी तरह से प्रभावित की।
लठियां पर पुलिस ने लठियां मारी जिससे कई ग्रामीण बुरी तरह घायल हो गए। उन्होंने बताया कि वे नहीं चाहते हैं कि उनके गांव में सीआरपीएफ के चबूतरे खुले हैं। इसलिए उन्होंने इस अभियान के विरोध में धरना दिया था, लेकिन पुलिस आक्रामक तरीके से पहुंचकर वहां से मार-मार कर विनाश में जुट गई। दोषी का आरोप है कि शिकायत के बाद भी दोषी पुलिस वालों पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है यही कारण है कि ग्रामीण इसका विरोध करते हुए 11 जनवरी को बुर्जी-पुसनर में एक बड़ा आंदोलन करते जा रहे हैं।
क्रिस्टोफर का कहना है कि इस आंदोलन में करीब 20 गांव के सैकड़ों ग्रामीण क्षेत्र होंगे और कई ग्रामीण पहले ही इस धरनास्थल के लिए निकल भी गए थे, लेकिन पुलिस को सूचना मिलने के बाद पुलिस वहां भी पहुंचें और आंदोलन जा करने रहे रोक से बुरी तरह से प्रभावित की, जिसके कारण कई ग्रामीण अशांति में अपना डेरा डाले हुए हैं। ये लोग अपने प्रतीक चिह्न पर पड़े हुए हैं और बुधवार 11 जनवरी को पुन्नार में अपना आंदोलन शुरू करने की योजना बना रहे हैं। इस दौरान ग्रामीण पुलिस कैंप और पुलिस के द्वारा प्रभावित होने का विरोध करेंगे।
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‘बिना अनुमति के आंदोलन के लिए जुड़ रहे हैं ग्रामीण’
उद्र, बीजापुर के एसपी अजनेय वार्ष्णेय का कहना है कि उन्हें यह जानकारी मिली है कि पुसनर इलाके में कुछ ग्रामीण कोई आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि, इसकी कोई अनुमति नहीं है। इसलिए पुलिस के जवान उन्हें आंदोलन पर नहीं जाने दे रहे हैं और दावों को रोकने में लगे हैं। हालांकि, उन्होंने चक्रव्यूह के आधार पर किसी तरह की प्रभावित घटना से इनकार किया। उन्होंने कहा कि बयान को पुलिस ने केवल कहा था। अन्य जानकारी अपलोड की जा रही है।