छत्तीसगढ़बेमेतरा

Chhattisgarh : शिवनाथ नदी में बाढ़ आपदा से बचाव के लिए किया गया मॉकड्रिल, कलेक्टर ने बाढ़ आपदा से बचाव की आवश्यक तैयारियों का लिया जायजा

UNITED NEWS OF ASIA. अरुण पुरेना, बेमेतरा। कलेक्टर रणबीर शर्मा के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में आज जिला मुख्यालय से 15 कि.मी. दूर स्थित ग्राम अमोरा से बहते हुये शिवनाथ नदी में बाढ़ आपदा से बचाव के लिए मॉकड्रिल (पूर्वाभ्यास)का आयोजन किया गया। इस दौरान ग्रामीणों को घर में मौजूद सामग्री का बाढ़ में किस तरह उपयोग कर सकते हैं, इसका डेमो दिया गया। कलेक्टर ने बाढ़ आपदा से बचाव की आवश्यक तैयारियों का भी जायजा लिया और स्वयं उपस्थित होकर सम्पूर्ण क्रियाकलाप देखी।

इस दौरान पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण साहू, जिला पंचायत सीईओ टेकचंद अग्रवाल, एडीएम अनिल वाजपेयी, संयुक्त कलेक्टर अंकिता गर्ग, डिप्टी कलेक्टर दिव्या पोटाई सर्व एसडीएम, जनसंपर्क विभाग कि टीम, स्वास्थ्य विभाग कि टीम, संबंधित अधिकारी एवं राजस्व विभाग के अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे।

 

नगर सेना विभाग द्वारा जिले एवं संभागीय स्तर पर उपलब्ध समस्त बाढ़ बचाव सामग्रियों का मॉकड्रिल किया गया। कलेक्टर शर्मा ने राज्य आपदा मोचन दल की तैयारियों की सराहाना की। मॉकड्रिल में अतिवृष्टि के दौरान ग्रामीण जन लकड़ी या छोटे-छोटे बोट के माध्यम से नदी पार करते समय बोट पलटी हो जाने एवं गांव में पानी भर जाने की स्थिति में किस प्रकार से जिले में उपलब्ध मोटर बोट, स्क्यूबा डायविंग, अंडरवाटर कैमरा, लाइफ जैकेट, लाइफ बॉय आस्का लाइट, पेलिकन लाइट, सर्च लाइट विभिन्न प्रकार के चैन-सा का प्रयोग कर बाढ़ बचाव कार्य का लाइव डेमो (मॉकड्रिल) का आयोजन किया गया।

जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के घरों में उपलब्ध होने वाली सामग्रियों जैसे गोल बर्तन, भगोना, ड्रम, मटका, ट्यूब, प्लास्टिक बॉटल, इत्यादि सामग्रियों का राप्ट बनाना एवं पीने वाले एक लीटर पानी की बोतल को एयर टाइट कर लाइफ जैकेट बनाकर डूबते हुए व्यक्ति को बचाया जा सकता है | मॉक ड्रिल एसडीआरएफ के जवान और जिले के बाढ़ बचाव दल के जवान द्वारा किया गया।

बाढ़ आपदा में बचाव के लिए मॉक ड्रिल एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य आपदा के समय त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना होता है। इसमें बाढ़ की स्थिति का सटीक सिमुलेशन किया जाता है। इससे आपातकालीन सेवाओं को वास्तविक स्थिति में अभ्यास करने का अवसर मिलता है। इसमें बाढ़ के दौरान लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाना, प्राथमिक चिकित्सा देना, और आपदा प्रबंधन के अन्य पहलुओं को शामिल किया जाता है। मॉक ड्रिल का एक और उद्देश्य जनसाधारण को जागरूक करना भी होता है।

लोगों को सिखाया जाता है कि बाढ़ आने पर उन्हें क्या करना चाहिए, कहाँ शरण लेनी चाहिए, और किस तरह की सहायता उपलब्ध होगी। इस प्रकार की मॉक ड्रिल यह सुनिश्चित करती हैं कि आपदा के समय लोग और प्रशासन मिलकर प्रभावी ढंग से कार्य कर सकें और जान-माल के नुकसान को कम किया जा सके।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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