छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य की न्यायिक रिमांड बढ़ी, अब 1 सितंबर को होगी सुनवाई

UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर । छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में गिरफ्तार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल की 14 दिन की न्यायिक रिमांड अवधि समाप्त होने पर आज उन्हें विशेष अदालत में पेश किया गया। अदालत ने सुनवाई के बाद उनकी न्यायिक रिमांड तीसरी बार बढ़ाते हुए 14 दिन के लिए जेल भेज दिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 1 सितंबर को होगी।

ईडी ने मांगी कस्टोडियल रिमांड, कल होगी सुनवाई

मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अदालत से चैतन्य बघेल को 5 दिन की कस्टोडियल रिमांड पर लेने का आवेदन प्रस्तुत किया है। ईडी का कहना है कि जांच में नए तथ्य सामने आए हैं जिन पर पूछताछ जरूरी है। हालांकि, अदालत में कंडोलेंस (श्रद्धांजलि कार्यक्रम) होने की वजह से आज सुनवाई नहीं हो सकी। अब ईडी के आवेदन पर सुनवाई 19 अगस्त को होगी।

जन्मदिन पर हुई थी गिरफ्तारी

ईडी ने 21 जुलाई को प्रेस नोट जारी कर बताया था कि 18 जुलाई को उनके जन्मदिन के दिन चैतन्य बघेल को भिलाई निवास से धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत गिरफ्तार किया गया। शराब घोटाले की जांच ईडी ने एसीबी/ईओडब्ल्यू रायपुर द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ कि इस घोटाले से प्रदेश को भारी नुकसान पहुंचा और करीब 2,500 करोड़ रुपये की अवैध कमाई (POC) लाभार्थियों तक पहुंचाई गई।

16.70 करोड़ रुपये की राशि मिलने का आरोप

ईडी का आरोप है कि चैतन्य बघेल को 16.70 करोड़ रुपये की अवैध राशि मिली, जिसे उन्होंने अपनी रियल एस्टेट कंपनियों के जरिए मिलाने की कोशिश की। उन्होंने इस नकदी का उपयोग अपने प्रोजेक्ट्स में नकद भुगतान और बैंक प्रविष्टियों के रूप में किया। जांच में यह भी सामने आया कि उन्होंने त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ मिलीभगत कर अपने “विठ्ठलपुरम प्रोजेक्ट” में फर्जी खरीदारी के जरिए 5 करोड़ रुपये अप्रत्यक्ष रूप से हासिल किए।

1000 करोड़ से अधिक के पीओसी के संचालन का आरोप

ईडी का दावा है कि चैतन्य बघेल ने शराब घोटाले से उत्पन्न 1000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का संचालन किया और इसे छत्तीसगढ़ कांग्रेस के तत्कालीन कोषाध्यक्ष सहित अन्य लोगों तक पहुंचाने में भूमिका निभाई। इस धनराशि के अंतिम उपयोग की जांच अब भी जारी है।

कई बड़े चेहरे पहले ही गिरफ्त में

इस मामले में ईडी पहले ही पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर, आईटीएस अधिकारी अरुण पति त्रिपाठी और पूर्व मंत्री व वर्तमान विधायक कवासी लखमा को गिरफ्तार कर चुकी है।

चैतन्य की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई लंबित

गौरतलब है कि चैतन्य बघेल ने अपनी गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन अदालत ने उन्हें हाईकोर्ट जाने की सलाह दी। इसके बाद उन्होंने बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई। हाईकोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी कर 26 अगस्त तक जवाब मांगा है।

जेल में अव्यवस्थाओं की शिकायत

सुनवाई के दौरान चैतन्य के वकील ने अदालत को बताया कि जेल में उन्हें साफ पीने का पानी तक उपलब्ध नहीं हो रहा। इस पर अदालत ने जेल अधीक्षक को उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

अब अगली महत्वपूर्ण सुनवाई 19 अगस्त को ईडी की कस्टोडियल रिमांड याचिका पर और 26 अगस्त को हाईकोर्ट में होगी।

 


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