
UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा ने एक नया इतिहास रच दिया है। यह देश की पहली ऐसी विधानसभा बन गई है, जहां अब तक तीन-तीन राष्ट्रपतियों ने सदन को संबोधित किया है। 24 मार्च 2025 को भारत की वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू छत्तीसगढ़ विधानसभा में सदस्यों को संबोधित करेंगी। इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (2004) और प्रतिभा पाटिल (2011) भी विधानसभा में संबोधन कर चुकी हैं।
रजत जयंती वर्ष में ऐतिहासिक क्षण
छत्तीसगढ़ राज्य का गठन 1 नवंबर 2000 को हुआ था, और 14 दिसंबर 2000 को पहली बार विधानसभा का सत्र आयोजित किया गया। अब अपने 25वें वर्ष में छत्तीसगढ़ विधानसभा रजत जयंती वर्ष मना रही है। इस अवसर को यादगार बनाने के लिए पूरे साल विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
भारत में पहली बार किसी राष्ट्रपति ने किया था विधानसभा में संबोधन
छत्तीसगढ़ विधानसभा को यह अनूठा गौरव हासिल है कि 28 जनवरी 2004 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने यहां आकर पहली बार किसी विधानसभा को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने “विकसित भारत 2020” की परिकल्पना प्रस्तुत की और वीडियो प्रोजेक्टर के माध्यम से विभिन्न विषयों पर मार्गदर्शन दिया। उन्होंने न केवल विधायकों से संवाद किया बल्कि उनके सवालों का उत्तर भी दिया।
2011 में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने भी किया था संबोधन
इसके बाद 24 जून 2011 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने भी छत्तीसगढ़ विधानसभा में विधायकों को संबोधित किया। यह दूसरा मौका था जब किसी राष्ट्रपति ने राज्य विधानसभा में सदस्यों को प्रत्यक्ष रूप से संबोधित किया।
24 मार्च 2025: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का ऐतिहासिक संबोधन
अब, जब छत्तीसगढ़ विधानसभा अपने रजत जयंती वर्ष में है, तो एक और ऐतिहासिक क्षण जुड़ने जा रहा है। 24 मार्च 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू छत्तीसगढ़ विधानसभा में विधायकों को संबोधित करेंगी। यह पूरे देश के लिए गर्व की बात है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा तीन राष्ट्रपतियों के संबोधन का गवाह बनने वाली भारत की पहली विधानसभा बन गई है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा की ऐतिहासिक कार्यशैली
छत्तीसगढ़ विधानसभा ने अपनी स्थापना के समय से कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं, जो इसे अन्य राज्यों से अलग बनाते हैं। गर्भगृह में प्रवेश पर स्वयमेव निलंबन का निर्णय हो या फिर राष्ट्रपतियों का संबोधन, यह विधानसभा अपनी अनूठी परंपराओं के लिए जानी जाती है।
देश में छत्तीसगढ़ विधानसभा की अलग पहचान
छत्तीसगढ़ विधानसभा ने हमेशा उच्च लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखा है और यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि राज्य की लोकतांत्रिक प्रणाली कितनी सशक्त और प्रभावशाली है। भारत की किसी भी विधानसभा में तीन राष्ट्रपतियों द्वारा संबोधन किया जाना अपने आप में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा: भविष्य की ओर एक और कदम
छत्तीसगढ़ विधानसभा अपनी कार्यशैली, पारदर्शिता और ऐतिहासिक फैसलों के कारण देश की अग्रणी विधानसभाओं में शामिल हो चुकी है। यह उपलब्धि केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है।













