UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा। छत्तीसगढ़ में बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षक सरकार से नौकरी की गुहार लगाते हुए संघर्षरत है।
दरअसल छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश के वैसे शिक्षक जो बीएड डिग्रीधारी हैं और सहायक शिक्षक पोस्ट पर हैं,उनकी नौकरी पर तलवार लटक चुकी है।
पूरे प्रदेश में बीते साल 2900 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति व्यापम द्वारा आयोजित परीक्षा के जरिए हुई थी. सभी सहायक शिक्षकों ने मेरिट के आधार पर बस्तर और सरगुजा संभाग में नौकरी हासिल की। उसके बाद इनकी नियुक्ति सरगुजा और बस्तर में हुई है। ये सभी सुदूर क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
उक्त विषय पर छग के मुख्यमंत्री माननीय विष्णुदेव साय से अपील करते हुए कवर्धा जिले के युवा नेता विकाश केशरी ने कहा कि प्रदेश के 2897 सहायक शिक्षक भाई-बहन अपनी नौकरी बचाने के लिये आंदोलनरत है, धरने पर बैठे है ऐसी स्थिति मे सरकार को सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए निर्णय लेना चाहिए।
नौकरी से हटा देना इन बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों के साथ अन्याय होगा।
सरकार चाहे तो इस समस्या का तत्काल निराकरण कर सकती है।
बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों की नौकरी बचाने सरकार को अन्य विकल्पो पर विचार करना चाहिए।
माननीय न्यायालय के निर्णय के बाद सरकार इस मामले का समाधान निकाल डीएड प्रशिक्षित शिक्षकों के लिये अलग भर्ती करें तथा इन पहले से नियुक्ति पा चुके 2897 शिक्षकों की सेवा आगे सुनिश्चित रखने की व्यवस्था करें।
सरकार के पास शिक्षा विभाग मे अन्य पदों जहां समान वेतनमान पर इन 2897 शिक्षकों की नियुक्ति की जा सकती है, वहां इनका समायोजन करें।
प्रयोगशाला सहायक के रूप में इनकी नियुक्तियां की जा सकती है। वर्तमान मे शिक्षा विभाग में 70 हजार पद रिक्त है।
इन पदों पर इन शिक्षकों को समायोजित किया जा सकता है। सरकार इनके मामले में तत्काल निर्णय लेकर इनका समायोजन करे।
विकाश ने बताया कि इस मामले मे प्रभावित अधिसंख्यक शिक्षक बस्तर और सरगुजा संभाग समेत दूरस्थ क्षेत्रों में पदस्थ है।
इन शिक्षकों की पीड़ा को सरकार को समझना चाहिए एवं वैकल्पिक व्यवस्था बनाते हुए इनका समायोजन किया जाना चाहिए,यह इन के भविष्य का सवाल है।
सरकार इनके मामले में सहानुभूति पूर्वक निर्णय करे।