छत्तीसगढ़

महतारियों के सशक्तिकरण में छत्तीसगढ़ सरकार ने कायम की मिसाल

डॉ. दानेश्वरी संभाकर, सहायक संचालक

UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर | छत्तीसगढ़ में महिला सशक्तिकरण की दिशा में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली सरकार ने नई मिसाल कायम की है। सामाजिक समानता के साथ-साथ अब आर्थिक समानता की ओर भी ठोस कदम उठाए गए हैं। “महतारी वंदन योजना” जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं और स्वरोजगार के अवसरों ने महिलाओं को न केवल आत्मनिर्भर बनाया है बल्कि उन्हें सम्मान और आत्मविश्वास भी प्रदान किया है।

महतारी वंदन योजना – आत्मनिर्भर महिला की ओर ऐतिहासिक कदम

  • 1 मार्च 2024 से लागू इस योजना के तहत विवाहित महिलाओं को प्रतिमाह ₹1,000 सीधे बैंक खाते में हस्तांतरित किए जा रहे हैं।

  • मार्च 2024 से सितम्बर 2025 तक 69.15 लाख महिलाओं को ₹12,376.19 करोड़ की राशि का भुगतान।

  • चालू वित्तीय वर्ष में इस योजना के लिए ₹5,500 करोड़ का प्रावधान

  • 179 महतारी सदन के निर्माण हेतु ₹52.20 करोड़ की स्वीकृति, जहाँ प्रशिक्षण, बैठक और सामुदायिक गतिविधियों की सुविधा होगी।

स्वरोजगार और उद्यमिता के नए अवसर

  • मुख्यमंत्री सिलाई मशीन सहायता योजना – पंजीकृत महिला श्रमिकों को ₹7,900 की सहायता।

  • दीदी ई-रिक्शा योजना – महिला श्रमिकों को ₹1 लाख का अनुदान।

  • मिनीमाता महतारी जतन योजना – गर्भवती श्रमिक महिलाओं को पौष्टिक आहार हेतु ₹20,000।

  • मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण योजना – अविवाहित बेटियों की शिक्षा व खर्च हेतु ₹20,000।

  • महतारी शक्ति ऋण योजना – बिना जमानत ₹25,000 का ऋण।

  • सक्षम योजना – सालाना 2 लाख से कम आय वाली महिलाओं को 3% ब्याज पर ₹2 लाख तक ऋण।

  • एनआरएलएम के तहत ₹800 करोड़ का प्रावधान, साथ ही “लखपति महिला” और “ड्रोन दीदी” जैसी पहलें।

महिला सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता

  • नवाबिहान योजना – घरेलू हिंसा पीड़ितों को कानूनी, परामर्श, चिकित्सा और आश्रय सुविधा (₹20 करोड़ प्रावधान)।

  • सखी वन-स्टॉप सेंटर – 27 जिलों में 24×7 सेवा उपलब्ध, SOP लागू करने वाला पहला राज्य।

  • महिला हेल्पलाइन 181 व डायल 112 – संकट में फंसी महिलाओं को त्वरित सहायता।

  • शुचिता योजना – 2,000 स्कूलों में नैपकिन वेंडिंग मशीनें, 3 लाख किशोरियों तक स्वच्छता सामग्री, बजट ₹13 करोड़।

  • साइकिल वितरण योजना – हाई स्कूल छात्राओं के लिए ₹50 करोड़ का प्रावधान।

  • पोषण व स्वास्थ्य योजनाएँ – गर्भवती और धात्री महिलाओं को पौष्टिक आहार, पोषण पुनर्वास केंद्रों से सहायता।

 महिलाओं के उत्पादों को राष्ट्रीय पहचान

  • नवा रायपुर यूनिटी मॉल – ₹200 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन, जहाँ महिला समूहों के उत्पादों की बिक्री होगी।

  • “जशप्योर ब्रांड” – जशपुर की आदिवासी महिलाओं द्वारा संचालित वन-आधारित उत्पाद, राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पहचान बना रहा है।

बजट और संकल्प

  • वित्तीय वर्ष 2025-26 में महिला एवं बाल विकास विभाग को ₹8,245 करोड़ का बजट आबंटित।

  • इसमें महतारी वंदन, पोषण, स्वास्थ्य, ऋण और सुरक्षा योजनाओं का विस्तार शामिल।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का कहना है – “महिला सशक्तिकरण केवल घोषणाओं से नहीं, बल्कि धरातल पर बदलाव से संभव है।”
वहीं महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा – “सरकार की प्राथमिकता है कि हर योजना का लाभ पात्र महिलाओं तक समय पर और पारदर्शी ढंग से पहुँचे।”

 


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